ओम प्रकाश राजभर के बयान पर भड़के बीजेपी की छात्र इकाई ABVP, मंत्री के आवास पर पथराव और पुतला दहन, पुलिस से भिड़े

Rajbhar Vs Abvp News: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में मंगलवार देर रात कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर के सरकारी आवास के बाहर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के कार्यकर्ताओं ने जोरदार प्रदर्शन किया। यह हंगामा बाराबंकी के श्री रामस्वरूप मेमोरियल यूनिवर्सिटी (SRMU) में सोमवार को हुए पुलिस लाठीचार्ज और मंत्री राजभर की कथित विवादित टिप्पणी के विरोध में हुआ। ABVP कार्यकर्ताओं ने राजभर के बयान को असंवेदनशील और अपमानजनक बताते हुए उनके इस्तीफे और माफी की मांग की।

क्या है विवाद?
विवाद की शुरुआत तब हुई जब बाराबंकी के श्री रामस्वरूप मेमोरियल यूनिवर्सिटी में ABVP कार्यकर्ताओं ने LLB कोर्स की मान्यता, अवैध फीस वसूली, और दो छात्रों के कथित निष्कासन जैसे मुद्दों को लेकर प्रदर्शन किया। इस दौरान पुलिस ने लाठीचार्ज किया, जिसमें 24 से अधिक छात्र घायल हो गए, कुछ की हालत गंभीर बताई गई। घायल छात्रों को मेयो और जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। ABVP का आरोप है कि विश्वविद्यालय प्रशासन के इशारे पर बाहरी गुंडों ने भी छात्रों पर हमला किया।
इस घटना के बाद कैबिनेट मंत्री और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने एक इंटरव्यू में लाठीचार्ज का समर्थन करते हुए ABVP कार्यकर्ताओं को “गुंडा” करार दिया। उन्होंने कहा, “ABVP के गुंडों पर पुलिस ने सही लाठी बरसाई।” इस बयान ने ABVP कार्यकर्ताओं के गुस्से को और भड़का दिया।

मंत्री के आवास पर उग्र प्रदर्शन
मंगलवार देर रात सैकड़ों ABVP कार्यकर्ता लखनऊ के हजरतगंज स्थित राजभर के सरकारी आवास के बाहर पहुंचे। गुस्साए कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी की, राजभर का पुतला फूंका, और पथराव भी किया। प्रदर्शनकारियों ने “ओम प्रकाश राजभर मुर्दाबाद” और “हाय-हाय” के नारे लगाए। कुछ कार्यकर्ताओं ने आवास की बाउंड्री फांदने और अंदर घुसने की कोशिश की, जिसके बाद पुलिस से उनकी तीखी झड़प हुई। पुलिस ने बल प्रयोग कर कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया और उन्हें ईको गार्डन ले जाया गया। इस दौरान क्षेत्र में तनाव की स्थिति बनी रही।
ABVP के राष्ट्रीय सचिव अंकित शुक्ला ने राजभर की टिप्पणी को असंवेदनशील बताते हुए कहा, “मंत्री ने घायल छात्रों का अपमान किया है। हम मांग करते हैं कि वे सार्वजनिक रूप से माफी मांगें और अपने पद से इस्तीफा दें।” अवध प्रांत सचिव पुष्पेंद्र वाजपेयी ने कहा कि जब तक माफी नहीं मिलती, आंदोलन जारी रहेगा।

सुभासपा का पलटवार
दूसरी ओर, ओम प्रकाश राजभर के बेटे और सुभासपा के राष्ट्रीय महासचिव अरुण राजभर ने प्रदर्शन को “गुंडागर्दी” करार दिया। उन्होंने कहा, “कुछ अराजक तत्वों ने मंत्री के आवास पर पत्थर फेंके और अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया। यह पूरे अति पिछड़े वर्ग का अपमान है। प्रशासन को ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।” अरुण राजभर ने यह भी आरोप लगाया कि यह प्रदर्शन एक सुनियोजित साजिश का हिस्सा है, जिसका मकसद समाज में अराजकता फैलाना है।

विपक्ष ने साधा निशाना
इस घटना ने विपक्ष को सरकार पर हमला करने का मौका दे दिया। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने तंज कसते हुए कहा, “बीजेपी अपने सहयोगियों को इस्तेमाल करती है और फिर फेंक देती है। ओम प्रकाश राजभर की सियासी ज़िंदगी बर्बाद हो चुकी है। बीजेपी अपने सहयोगियों को सम्मान नहीं देती।” अखिलेश ने बीजेपी की नीति को “इस्तेमाल करो और बर्बाद करो” करार दिया।

सियासी तनाव और सवाल
यह घटना न केवल ABVP और यूपी सरकार के बीच तनाव को बढ़ावा दिया है, बल्कि बीजेपी और उसके सहयोगी दलों के बीच भी असहज स्थिति पैदा कर रही है। ABVP, जो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से संबद्ध है, अपनी ही सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर आई है। यह सवाल उठ रहा है कि क्या सरकार के भीतर ही सब कुछ ठीक नहीं है? बाराबंकी की घटना और राजभर के बयान ने छात्र राजनीति को आंदोलित कर दिया है, और विभिन्न छात्र संगठन अब एकजुट होकर लाठीचार्ज और मंत्री के बयान के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं।

आगे क्या?
ABVP ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक राजभर माफी नहीं मांगते और उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं होती, उनका आंदोलन जारी रहेगा। दूसरी ओर, सुभासपा ने भी प्रशासन से प्रदर्शनकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। इस बीच, सरकार और प्रशासन की ओर से इस विवाद पर कोई औपचारिक बयान नहीं आया है। यह मामला अब सियासी तूल पकड़ चुका है, और आने वाले दिनों में इसके और गहराने की आशंका है।

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