पुलिस के कई अधिकारी सीबीआई के निशाने पर
ग्रेटर नोएडा। यमुना एक्सप्रेस वे प्राधिकरण में हुए 126 करोड़ के घोटाले के मामले में सीबीआई ने अब उन पुलिस अधिकारियों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है जिन्होंने सबूतों के साथ छेड़छाड़ की और जिस तरह इस मामले में कार्रवाई की जानी थी, उस तरह कार्रवाई नहीं की गई। सीबीआई ने सबसे पहले इस मामले में डीएसपी निशांत शर्मा से पूछताछ की, जैसे ही निशांत शर्मा से पूछताछ की खबर जय हिंद जनाब ने उठाई, तो तुरंत वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक वैभव कृष्ण ने उन्हें सीओ ग्रेटर नोएडा प्रथम के पद से हटा दिया। हालांकि शासन की ओर से भी उनका तबादला इटावा पीएसी में कर दिया गया है । सूत्रों के अनुसार इस घोटाले में कई अन्य पुलिसकर्मियों ने भी लापरवाही बरती है, इतना ही नहीं जिस वक्त रिपोर्ट दर्ज की गई उस दौरान इस घोटाले में आरोपियों को लाभ पहुंचाने के लिए पुलिस ने जांच में ऐसी छेड़छाड़ की ताकि उनकी जमानत आसानी से हो सके।
उल्लेखनीय है कि पूर्व सीईओ पीसी गुप्ता व अन्य के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज होने के बाद कई महीने बाद गिरफ्तारी हुई। इसके बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गय, जब लखनऊ से तत्कालीन एसएसपी को इस मामले में कार्यवाही करने के लिए कहा गया तब जाकर पुलिस दोबारा सतर्क हुई और इस मामले में अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी शुरू हो गई सीबीआई अलग-अलग बिंदुओं को लेकर गहनता से जांच पड़ताल कर रही है। हो सकता है कि इस मामले में कई अन्य अधिकारियों से भी सीबीआई पूछताछ करे। ताकि दूध का दूध पानी का पानी किया जा सके। देखना यह है कि 126 करोड़ के इस घोटाले मैं अगला नंबर किस अधिकारी का आता है।