वाराणसी में सदर तहसील में वकील-लेखपाल मारपीट मामले में तनाव, वकीलों ने किया सीपी कार्यालय का घेराव

Varanasi News: जिला मुख्यालय स्थित सदर तहसील में वकीलों और लेखपालों के बीच हुई मारपीट की घटना ने तूल पकड़ लिया है। इस मामले में शिवपुर थाना क्षेत्र की पुलिस ने दोनों पक्षों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया, जिसके बाद वकीलों में भारी आक्रोश देखा गया। आक्रोशित वकीलों ने जिला पुलिस अधीक्षक (सीपी) कार्यालय का घेराव कर विरोध प्रदर्शन किया और दोषी लेखपालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।

घटना गुरुवार को सदर तहसील में उस समय हुई, जब धारा 34 की एक रिपोर्ट को लेकर वकीलों और लेखपालों के बीच बहस शुरू हुई। यह बहस जल्द ही मारपीट में बदल गई, जिसमें एक वरिष्ठ अधिवक्ता के साथ कथित तौर पर लेखपालों द्वारा मारपीट की गई। इस घटना के विरोध में पिंडरा तहसील बार एसोसिएशन ने शुक्रवार को अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी और तहसील परिसर में प्रदर्शन किया। वकीलों ने उपजिलाधिकारी (एसडीएम) पिंडरा प्रतिभा मिश्रा को ज्ञापन सौंपकर दोषी लेखपालों की तत्काल गिरफ्तारी और निलंबन की मांग की।

पिंडरा तहसील बार के महामंत्री सुधीर कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में निर्णय लिया गया कि जब तक दोषी लेखपालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती, तब तक वकील न्यायिक कार्य से विरत रहेंगे। वकीलों का आरोप है कि लेखपालों ने न केवल मारपीट की, बल्कि तहसील में उनके साथ दुर्व्यवहार भी किया। दूसरी ओर, लेखपालों का कहना है कि वकीलों द्वारा नियम-विरुद्ध काम के लिए दबाव बनाया जा रहा था, जिसके विरोध में विवाद हुआ।

पुलिस ने इस मामले में दोनों पक्षों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है, जिससे वकीलों का गुस्सा और भड़क गया। वकीलों ने सीपी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर नारेबाजी की और पुलिस प्रशासन पर एकतरफा कार्रवाई का आरोप लगाया। प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि लेखपालों के खिलाफ निष्पक्ष जांच हो और दोषियों को तुरंत सजा दी जाए।

जिलाधिकारी और पुलिस प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की, लेकिन मामला अभी भी गर्माया हुआ है। इस घटना ने तहसील प्रशासन और वकील समुदाय के बीच तनाव को और बढ़ा दिया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि तहसील में लेखपालों और वकीलों के बीच विवाद की घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं, लेकिन इस बार मामला गंभीर रूप ले चुका है।

पुलिस ने दोनों पक्षों से शांति बनाए रखने की अपील की है और मामले की जांच शुरू कर दी है। वाराणसी पुलिस ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि स्थिति नियंत्रण में है और जांच के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी।

यह मामला न केवल स्थानीय स्तर पर चर्चा का विषय बना हुआ है, बल्कि प्रशासनिक कार्यप्रणाली और तहसील में पारदर्शिता पर भी सवाल उठा रहा है।

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