Supreme Court/Controversy News: भारत के सुप्रीम कोर्ट में दो नए जजों की नियुक्ति के साथ ही शीर्ष अदालत अपनी पूर्ण स्वीकृत क्षमता के साथ कार्य करने के लिए तैयार है। बॉम्बे हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस आलोक अराधे और पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस विपुल मनुभाई पंचोली ने सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में शपथ ग्रहण की। शपथ समारोह में मुख्य न्यायाधीश (CJI) जस्टिस बी. आर. गवई ने दोनों जजों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। इस नियुक्ति के साथ ही सुप्रीम कोर्ट में जजों की संख्या 34 हो गई है, जो इसकी पूर्ण स्वीकृत क्षमता है।
नियुक्ति प्रक्रिया और कॉलेजियम की सिफारिश
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 25 अगस्त 2025 को जस्टिस आलोक अराधे और जस्टिस विपुल पंचोली को सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में पदोन्नत करने की सिफारिश की थी। कॉलेजियम में CJI बी. आर. गवई के अलावा जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस जे. के. माहेश्वरी और जस्टिस बी. वी. नागरत्ना शामिल हैं। केंद्र सरकार ने इस सिफारिश को 48 घंटों के भीतर मंजूरी दे दी, और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दोनों जजों की नियुक्ति को औपचारिक रूप प्रदान किया। केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर इसकी जानकारी साझा करते हुए कहा, “भारत के संविधान द्वारा प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए, राष्ट्रपति ने CJI के परामर्श से जस्टिस आलोक अराधे और जस्टिस विपुल पंचोली को सुप्रीम कोर्ट का जज नियुक्त किया है।”
जस्टिस आलोक अराधे का परिचय
जस्टिस आलोक अराधे का जन्म 13 अप्रैल 1964 को रायपुर, छत्तीसगढ़ में हुआ था। उन्होंने 1988 में वकील के रूप में अपना करियर शुरू किया और मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में प्रैक्टिस की। 2009 में उन्हें मध्य प्रदेश हाईकोर्ट का अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त किया गया, और 2011 में स्थायी न्यायाधीश बने। इसके बाद, वे जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट, कर्नाटक हाईकोर्ट और तेलंगाना हाईकोर्ट में विभिन्न पदों पर कार्यरत रहे। जनवरी 2025 में उन्हें बॉम्बे हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया था। उनके लंबे और विविधतापूर्ण न्यायिक अनुभव को सुप्रीम कोर्ट में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
जस्टिस विपुल पंचोली का परिचय
जस्टिस विपुल मनुभाई पंचोली का जन्म 28 मई 1968 को अहमदाबाद, गुजरात में हुआ। उन्होंने 1991 में गुजरात हाईकोर्ट में वकील के रूप में प्रैक्टिस शुरू की और 2014 में गुजरात हाईकोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश बने। 2016 में उनकी स्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति हुई। जुलाई 2023 में उनका तबादला पटना हाईकोर्ट में हुआ, जहां वे जुलाई 2025 में मुख्य न्यायाधीश बने। जस्टिस पंचोली के सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त होने से गुजरात हाईकोर्ट से आने वाले जजों की संख्या तीन हो गई है। उनकी नियुक्ति को लेकर यह अनुमान लगाया जा रहा है कि वे अक्टूबर 2031 में जस्टिस जॉयमाल्या बागची के सेवानिवृत्त होने के बाद भारत के मुख्य न्यायाधीश बन सकते हैं।
जस्टिस पंचोली की नियुक्ति पर विवाद
जस्टिस विपुल पंचोली की नियुक्ति को लेकर कॉलेजियम की बैठक में कुछ विवाद भी सामने आया। सुप्रीम कोर्ट की एकमात्र महिला जज और कॉलेजियम की सदस्य जस्टिस बी. वी. नागरत्ना ने उनकी नियुक्ति पर असहमति जताई थी। उन्होंने दो प्रमुख कारणों का हवाला दिया: पहला, सुप्रीम कोर्ट में पहले से ही गुजरात हाईकोर्ट से दो जज मौजूद हैं, जिससे क्षेत्रीय संतुलन प्रभावित हो सकता है। दूसरा, जस्टिस पंचोली के 2023 में गुजरात हाईकोर्ट से पटना हाईकोर्ट तबादले के कारणों पर पारदर्शिता की कमी। जस्टिस नागरत्ना ने मांग की थी कि उनकी असहमति का नोट सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर सार्वजनिक किया जाए। हालांकि, कॉलेजियम ने 4:1 के बहुमत से उनकी नियुक्ति की सिफारिश को मंजूरी दी।
सुप्रीम कोर्ट पर प्रभाव
जस्टिस आलोक अराधे और जस्टिस विपुल पंचोली की नियुक्ति से सुप्रीम कोर्ट में लंबित मामलों के निपटारे में तेजी आने की उम्मीद है। दोनों जजों के अनुभव और विशेषज्ञता, खासकर संवैधानिक पीठ में, महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। इन नियुक्तियों से सुप्रीम कोर्ट की कार्यक्षमता बढ़ेगी और न्यायिक प्रक्रिया में क्षेत्रीय विविधता को भी बढ़ावा मिलेगा।
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