योगी के ‘चहेते अफसर’ आंजनेय कुमार सिंह को सातवीं बार मिला सेवा विस्तार, सियासी हलकों में चर्चा हुई तेज

Yogi’s ‘favourite officer’ News: सिक्किम कैडर के 2005 बैच के आईएएस अधिकारी आंजनेय कुमार सिंह को उत्तर प्रदेश में सातवीं बार प्रतिनियुक्ति विस्तार मिला है। केंद्र सरकार ने योगी आदित्यनाथ सरकार की सिफारिश पर उनके कार्यकाल को एक साल के लिए और बढ़ा दिया है, जिसके बाद वह अगस्त 2026 तक उत्तर प्रदेश में अपनी सेवाएं देंगे। यह फैसला उस समय आया है, जब 14 अगस्त 2025 को उनकी छठी प्रतिनियुक्ति अवधि समाप्त होने के बाद वह दो महीने की छुट्टी पर चले गए थे। आंजनेय कुमार सिंह को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का करीबी और भरोसेमंद अधिकारी माना जाता है, और उनकी प्रशासनिक दक्षता के लिए उनकी खासी तारीफ होती रही है।

आंजनेय कुमार सिंह का प्रशासनिक सफर
आंजनेय कुमार सिंह मूल रूप से उत्तर प्रदेश के मऊ जिले के सलाहाबाद गांव के रहने वाले हैं। 2015 में तत्कालीन अखिलेश यादव सरकार के समय सिक्किम कैडर से प्रतिनियुक्ति पर उत्तर प्रदेश लाए गए थे। पिछले 10 सालों में उन्होंने बुलंदशहर, फतेहपुर और रामपुर जैसे महत्वपूर्ण जिलों में जिलाधिकारी के रूप में कार्य किया। 2019 में रामपुर में डीएम रहते हुए उन्होंने समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम खान के खिलाफ सख्त कार्रवाई की, जिसके चलते वह राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में आए। उनकी कार्रवाइयों में जौनपुर विश्वविद्यालय के निर्माण के लिए सरकारी जमीन पर अतिक्रमण और आचार संहिता उल्लंघन जैसे मामलों में आजम खान के खिलाफ मुकदमे दर्ज करना शामिल था। इन कार्रवाइयों के परिणामस्वरूप आजम खान को जेल भी जाना पड़ा।

2021 से वह मुरादाबाद मंडल के कमिश्नर के पद पर तैनात थे, और माना जा रहा है कि वह इस पद पर ही अपनी सेवाएं जारी रखेंगे। उनकी प्रतिनियुक्ति अवधि को पहले चार साल, दो बार छह-छह महीने और अब सातवीं बार एक साल के लिए बढ़ाया गया है।

समर्थन और विरोध
आंजनेय कुमार सिंह के सेवा विस्तार को लेकर सियासी हलकों में मिली-जुली प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेताओं ने इस फैसले का स्वागत किया है। कुंदरकी विधायक ठाकुर रामवीर सिंह ने कहा, “आंजनेय कुमार सिंह ने अपनी प्रशासनिक क्षमता और निष्पक्ष कार्यशैली से योगी सरकार का भरोसा जीता है। अगर केंद्र सरकार को लगता है कि नियमों के अनुसार एक्सटेंशन देना उचित है, तो यह फैसला स्वागत योग्य है। हमारी सरकार में सब कुछ नियमों के मुताबिक होता है।”

वहीं, समाजवादी पार्टी (सपा) ने इस फैसले पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। सपा प्रवक्ता मनोज यादव ने एक्स पर लिखा, “उत्तर प्रदेश सरकार ने जिस अधिकारी के जरिए आजम खान पर अत्याचार करवाया, उसकी वापसी सिक्किम कैडर में हो रही थी। लेकिन अब सातवीं बार एक्सटेंशन देकर योगी सरकार ने साफ कर दिया कि वह अपने चहेते अफसरों को बढ़ावा दे रही है। 2027 में #PDA की सरकार बनने पर ऐसे अफसरों को जवाब देना होगा।” यह बयान सपा के इस दावे को रेखांकित करता है कि आंजनेय को विशेष रूप से आजम खान के खिलाफ कार्रवाई के लिए इस्तेमाल किया गया है।

जनता और सोशल मीडिया पर चर्चा
सोशल मीडिया पर भी आंजनेय कुमार सिंह के एक्सटेंशन को लेकर बहस छिड़ी हुई है। कुछ यूजर्स ने उनकी सख्त प्रशासनिक शैली और भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई की तारीफ की, तो कुछ ने इसे योगी सरकार की पक्षपातपूर्ण नीति का हिस्सा बताया। एक यूजर ने एक्स पर लिखा, “आंजनेय सिंह ने रामपुर में आजम खान की सल्तनत को चुनौती दी, यह उनकी काबिलियत दर्शाता है। लेकिन सात बार एक्सटेंशन देना सवाल खड़े करता है।” वहीं, एक अन्य यूजर ने टिप्पणी की, “योगी जी के चहेते अफसर को बार-बार मौका देना सही नहीं। यह निष्पक्षता पर सवाल उठाता है।”

विशेषज्ञों की राय
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि आंजनेय कुमार सिंह का बार-बार विस्तार योगी सरकार की प्रशासनिक रणनीति का हिस्सा है। लखनऊ के एक वरिष्ठ पत्रकार ने कहा, “आंजनेय जैसे अफसर योगी सरकार के लिए महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि वे सख्त और नतीजे देने वाले प्रशासक हैं। लेकिन इतनी बार विस्तार देना नियमों को शिथिल करने का संकेत दे रहा है, साथ ही साथ बीजेपी पार्टी कार्यकर्ताओं में मतभेद भी बढ़ा है।”

निष्कर्ष
आंजनेय कुमार सिंह का सातवीं बार सेवा विस्तार न केवल उनकी प्रशासनिक क्षमता को बढ़ावा दे रहा है, बल्कि योगी सरकार की उन पर निर्भरता को भी उजागर करता है। हालांकि, यह फैसला विपक्षी दलों, खासकर समाजवादी पार्टी, के लिए एक बड़ा मुद्दा बन गया है, जो इसे सियासी रंग देने की कोशिश कर रही है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या आंजनेय मुरादाबाद में अपनी पुरानी जिम्मेदारी संभालते हैं या उन्हें कोई नई भूमिका दी जाती है।

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