गोल्डमैन सैक्स की रिपोर्ट, ट्रंप के 50% टैरिफ से भारत की अर्थव्यवस्था पर मंडराया खतरा, GDP ग्रोथ 6% से नीचे जा सकती है

Mumbai News: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत के आयात पर लगाए गए 50% टैरिफ के फैसले ने भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए नई चुनौतियां खड़ी कर दी हैं। ग्लोबल इनवेस्टमेंट फर्म गोल्डमैन सैक्स के अर्थशास्त्रियों ने चेतावनी दी है कि इस टैरिफ के कारण भारत की जीडीपी ग्रोथ 6% से नीचे जा सकती है। यह टैरिफ 27 अगस्त 2025 से प्रभावी हो चुका है, जिसके पीछे भारत द्वारा रूस से कच्चे तेल की खरीद को कारण बताया गया है।
गोल्डमैन सैक्स की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, इस नए 25% अतिरिक्त टैरिफ से भारत की रियल जीडीपी ग्रोथ पर 0.3 प्रतिशत अंकों का अतिरिक्त असर पड़ सकता है। यह प्रभाव अप्रैल 2025 में लागू पहले टैरिफ राउंड के 0.3 प्रतिशत अंकों के प्रभाव के अतिरिक्त है। इस तरह, कुल मिलाकर 0.6 प्रतिशत अंकों की कमी भारत की आर्थिक वृद्धि पर पड़ सकती है।

रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत की जीडीपी का लगभग 4% हिस्सा अमेरिकी मांग से जुड़ा हुआ है। वित्त वर्ष 2024-25 में भारत ने अमेरिका को 86.5 अरब डॉलर के सामान निर्यात किए, जिसमें इलेक्ट्रॉनिक्स, दवाएं, रसायन और वस्त्र प्रमुख थे। वहीं, अमेरिका से 45.7 अरब डॉलर का आयात किया गया। इस टैरिफ से विशेष रूप से श्रम-प्रधान क्षेत्रों जैसे कपड़ा, चमड़ा, और रत्न-आभूषण उद्योगों पर गहरा असर पड़ सकता है, जो पतले लाभ मार्जिन और उच्च मूल्य लोच के कारण संवेदनशील हैं।
गोल्डमैन सैक्स के मुख्य एशिया प्रशांत अर्थशास्त्री एंड्रयू टिल्टन ने कहा, “भारत एक बड़ा और अपेक्षाकृत बंद अर्थतंत्र है, इसलिए यह टैरिफ भारत की मजबूत विकास गति को पूरी तरह पटरी से नहीं उतारेगा। हालांकि, निर्यात पर निर्भर क्षेत्रों को नुकसान होगा।” उन्होंने अनुमान लगाया कि टैरिफ से जीडीपी पर 10 से 30 बेसिस पॉइंट्स (0.1-0.3%) का असर हो सकता है।

इसके अलावा, कुछ विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि यदि टैरिफ पूरी तरह लागू होते हैं और कोई व्यापार समझौता नहीं होता, तो भारत की जीडीपी वृद्धि पर 0.8% तक का असर पड़ सकता है। एक ग्लोबल कंसल्टिंग फर्म के वरिष्ठ अर्थशास्त्री ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, “50% टैरिफ का असर केवल दोगुना नहीं होगा, बल्कि कुछ निर्यात-निर्भर क्षेत्रों के लिए यह घातक हो सकता है।”

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अभी तक अपने FY26 के लिए 6.5% जीडीपी ग्रोथ अनुमान को बरकरार रखा है, लेकिन गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि वैश्विक अनिश्चितताओं को पहले ही अनुमानों में शामिल किया गया है। गोल्डमैन सैक्स ने भी अपनी रिपोर्ट में उल्लेख किया कि अगले तीन सप्ताह में भारत और अमेरिका के बीच बातचीत के लिए समय है, जिससे टैरिफ का प्रभाव कम हो सकता है।

इस बीच, भारतीय शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव देखा गया। सेंसेक्स और निफ्टी में गुरुवार को लगभग 1% की गिरावट आई, लेकिन उम्मीद है कि बातचीत से बेहतर समझौता हो सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि भारत को अब अन्य बाजारों, जैसे दक्षिण-पूर्व एशिया और अफ्रीका, के साथ व्यापार साझेदारी बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए।

ट्रंप के इस कदम की आलोचना भी हो रही है। प्रमुख अमेरिकी अर्थशास्त्री जेफ्री सैक्स ने इसे “अमेरिकी विदेश नीति में सबसे मूर्खतापूर्ण कदम” करार दिया और कहा कि इससे भारत और अमेरिका के बीच रणनीतिक संबंध कमजोर हो सकते हैं।

भारत सरकार ने कहा है कि वह राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और किसानों, उद्यमियों और MSME को समर्थन देना जारी रखेगी। यह देखना बाकी है कि अगले कुछ हफ्तों में भारत और अमेरिका के बीच होने वाली बातचीत इस संकट को कैसे कम कर पाती है।

यह भी पढ़े: एक ऐतिहासिक पड़ताल, पंजाब के गठन में इंदिरा गांधी से ज़्यादा लाल बहादुर शास्त्री की भूमिका

यहां से शेयर करें