New Delhi News : लोकनीति-CSDS के सह-निदेशक और प्रमुख चुनाव विश्लेषक संजय कुमार ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 के संबंध में गलत डेटा साझा करने के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगी है। उन्होंने स्वीकार किया कि उनकी डेटा टीम ने 2024 के लोकसभा और विधानसभा चुनाव के आंकड़ों की तुलना में गलती की, जिसके कारण गलत जानकारी प्रसारित हुई। इस घटना ने देश में चुनावी प्रक्रिया की विश्वसनीयता को लेकर चल रहे विवाद को और हवा दी है।
संजय कुमार ने 17 अगस्त को अपने आधिकारिक X हैंडल (@sanjaycsds) पर पोस्ट किया था कि महाराष्ट्र की दो विधानसभा सीटों—रामटेक और देवलाली—में 2024 के लोकसभा चुनाव की तुलना में विधानसभा चुनाव में मतदाताओं की संख्या में क्रमशः 38.45% और 36.82% की कमी आई। इसके अलावा, उन्होंने नासिक पश्चिम और हिंगना सीटों पर मतदाताओं की संख्या में 47.38% और 43.08% की वृद्धि का दावा किया था। इन आंकड़ों को कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग (ECI) पर “वोट चोरी” का आरोप लगाने के लिए इस्तेमाल किया।
हालांकि, 19 अगस्त को संजय कुमार ने अपने X पोस्ट में माफी मांगते हुए कहा, “मैं महाराष्ट्र चुनावों के संबंध में किए गए ट्वीट्स के लिए ईमानदारी से माफी मांगता हूं। 2024 के लोकसभा और विधानसभा डेटा की तुलना में गलती हुई। हमारी डेटा टीम ने पंक्ति में लिखे आंकड़ों को गलत पढ़ लिया था। संबंधित ट्वीट को हटा दिया गया है। मेरा कोई इरादा गलत जानकारी फैलाने का नहीं था।”
BJP का कांग्रेस पर हमला
संजय कुमार की माफी और पोस्ट हटाए जाने के बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने कांग्रेस और उसके नेताओं, खासकर लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी पर तीखा हमला बोला। BJP के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने X पर लिखा, “जिस संस्थान (CSDS) के डेटा का इस्तेमाल राहुल गांधी ने महाराष्ट्र के मतदाताओं को बदनाम करने के लिए किया, उसने अब स्वीकार किया है कि उसके आंकड़े गलत थे। यह सिर्फ महाराष्ट्र तक सीमित नहीं, बल्कि बिहार के विशेष गहन संशोधन (SIR) पर भी लागू होता है। अब राहुल गांधी और कांग्रेस की स्थिति क्या है, जिन्होंने चुनाव आयोग पर बेशर्मी से हमला किया और वास्तविक मतदाताओं को फर्जी करार दिया? शर्मनाक!”
मालवीय ने आगे संजय कुमार और उनके सहयोगी योगेंद्र यादव पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी भविष्यवाणियां हमेशा BJP के खिलाफ होती हैं, और जब परिणाम उलटे आते हैं, तो वे टीवी पर BJP की जीत को सही ठहराने लगते हैं। उन्होंने इसे “पुष्टिकरण पक्षपात” (confirmation bias) करार दिया।
BJP प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने भी X पर लिखा, “CSDS के संजय कुमार ने स्वीकार किया कि महाराष्ट्र का उनका डेटा फर्जी था। इस फर्जी डेटा के आधार पर कांग्रेस ने ECI पर हमला किया। क्या कांग्रेस अब महाराष्ट्र और इसके महान लोगों का अपमान करने के लिए माफी मांगेगी?”
कांग्रेस का जवाब
कांग्रेस ने इस मुद्दे पर अपनी स्थिति बरकरार रखी है। पार्टी की प्रवक्ता सुजाता पॉल ने NDTV से कहा, “हमने CSDS के डेटा का उपयोग किया, लेकिन हमने अपने कार्यकर्ताओं और अन्य विपक्षी दलों से मिले सबूतों के आधार पर भी अपनी जांच की। CSDS का डेटा केवल अतिरिक्त साक्ष्य के रूप में इस्तेमाल हुआ। संजय कुमार ने माफी क्यों मांगी, यह उनकी समस्या है, हमारी नहीं।”
चुनाव आयोग का रुख
चुनाव आयोग ने राहुल गांधी और विपक्ष के “वोट चोरी” के आरोपों को खारिज करते हुए इन्हें “बेबुनियाद” करार दिया है। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने राहुल गांधी से अपने दावों को शपथपत्र के साथ साबित करने या माफी मांगने को कहा है। इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट ने 19 अगस्त को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में कथित अनियमितताओं के आरोपों को खारिज कर दिया, जिसमें याचिकाकर्ता चेतन चंद्रकांत अहिरे ने 75 लाख फर्जी मतदाताओं द्वारा मतदान का दावा किया था।
विवाद का पृष्ठभूमि
यह विवाद उस समय और गहरा गया जब राहुल गांधी ने 7 अगस्त को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कर्नाटक के महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र का उदाहरण देते हुए ECI पर वोटर लिस्ट में हेराफेरी का आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि महाराष्ट्र में पांच महीनों में 1 करोड़ से अधिक नए मतदाता जोड़े गए, जो सामान्य पांच साल की अवधि से कहीं ज्यादा है। विपक्ष ने CSDS के डेटा का हवाला देकर इन आरोपों को बल दिया, लेकिन संजय कुमार की माफी ने उनकी स्थिति को कमजोर कर दिया।
निष्कर्ष
संजय कुमार की माफी और गलत डेटा की स्वीकारोक्ति ने महाराष्ट्र चुनाव को लेकर विपक्ष के दावों पर सवाल उठाए हैं। BJP ने इसे कांग्रेस की विश्वसनीयता पर हमला करने का मौका बनाया है, जबकि कांग्रेस का कहना है कि उनके पास अन्य स्रोतों से सबूत हैं। इस बीच, चुनाव आयोग ने अपनी निष्पक्षता पर जोर देते हुए सभी आरोपों को खारिज किया है।

