क्या आप जानते है स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर अलग तरीके से फहराते है झंडा

स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) और गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) दोनों ही भारत के राष्ट्रीय पर्व हैं और इन दोनों ही दिनों पर तिरंगा फहराया जाता है, लेकिन इन दोनों के तरीकों में कुछ महत्वपूर्ण अंतर हैं। आइए इन्हें विस्तार से समझते हैं:

1. ध्वजारोहण (Flag Hoisting) – स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त)

  • तरीका: 15 अगस्त, 1947 को भारत को ब्रिटिश शासन से आजादी मिली थी। उस ऐतिहासिक क्षण को दर्शाने के लिए, इस दिन झंडे को नीचे से ऊपर की ओर खींचा जाता है और फिर फहराया जाता है। इसे ‘ध्वजारोहण’ कहा जाता है। यह प्रक्रिया इस बात का प्रतीक है कि भारत ने अपनी आजादी हासिल की और एक नए राष्ट्र के रूप में ऊपर उठा।
  • कौन करता है: इस दिन प्रधानमंत्री दिल्ली के लाल किले पर ध्वजारोहण करते हैं और देश को संबोधित करते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि 15 अगस्त, 1947 को भारत के प्रधानमंत्री (तत्कालीन पंडित जवाहरलाल नेहरू) ने ही पहली बार झंडा फहराया था, और भारत का संविधान उस समय लागू नहीं हुआ था।
  • स्थान: मुख्य समारोह दिल्ली के लाल किले पर होता है।

2. झंडा फहराना (Flag Unfurling) – गणतंत्र दिवस (26 जनवरी)

  • तरीका: 26 जनवरी, 1950 को भारत का संविधान लागू हुआ था और भारत एक संप्रभु लोकतांत्रिक गणराज्य बना था। इस दिन, झंडा पहले से ही पोल के शीर्ष पर बंधा होता है। राष्ट्रपति केवल रस्सी खींचकर उसे खोलते हैं और फहराते हैं। इस प्रक्रिया को ‘झंडा फहराना’ या ‘ध्वज प्रकटीकरण’ (unfurling) कहा जाता है। इसका प्रतीकात्मक अर्थ यह है कि देश पहले से ही स्वतंत्र है और अब अपने संविधान के तहत शासन कर रहा है।
  • कौन करता है: इस दिन राष्ट्रपति दिल्ली के कर्तव्य पथ (पूर्व में राजपथ) पर झंडा फहराते हैं। राष्ट्रपति देश के संवैधानिक प्रमुख होते हैं और यह दिन संविधान के लागू होने का प्रतीक है, इसलिए यह सम्मान राष्ट्रपति को दिया जाता है।
  • स्थान: मुख्य समारोह दिल्ली के कर्तव्य पथ पर होता है, जहां गणतंत्र दिवस की परेड भी होती है।

सारांश में मुख्य अंतर:

पहलु स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) गणतंत्र दिवस (26 जनवरी)
प्रक्रिया ध्वजारोहण (Flag Hoisting): झंडे को नीचे से ऊपर खींचा जाता है। झंडा फहराना (Flag Unfurling): झंडा पहले से ही ऊपर बंधा होता है, जिसे केवल खोला जाता है।
प्रतीकात्मक अर्थ यह देश की आजादी और एक नए राष्ट्र के उदय का प्रतीक है। यह संविधान के लागू होने और देश के संप्रभु गणराज्य बनने का प्रतीक है।
कौन करता है प्रधानमंत्री राष्ट्रपति
स्थान लाल किला, दिल्ली कर्तव्य पथ, दिल्ली

 

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