डोनाल्ड ट्रंप के भारत पर 50% टैरिफ लगाने के फैसले से क्या पड़ेगा देश पर असर, जानिए विस्तार से…

Donald Trump’s 50% tariff on India News: डोनाल्ड ट्रंप के दोबारा राष्ट्रपति बनने के बाद, अमेरिका ने एक बार फिर भारत पर व्यापारिक नीतियों के तहत बड़ा कदम उठाया है। हालांकि डोनाल्ड ट्रंप कई बार भारत को चेतावनी दे चुके थे। उन्होंने कहा था कि भारत और पाकिस्तान के बीच मैंने सीजफायर कराया है। मगर पीएम मोदी ने लोकसभा में इंकार किया कि किसी भी विश्व के नेता ने सीजफायर नही करया है। इस बाद डोनाल्ड ट्रंप ने रूस से तेल न खरीदने को कहा। रूस से तेल खरीदने के फैसले के जवाब में अमेरिका ने भारत पर 25% का अतिरिक्त टैरिफ लगाने का ऐलान किया हैए जिससे भारतीय सामानों पर कुल टैरिफ बढ़कर 50% हो गया है। यह नया टैरिफ 7 अगस्तए 2025 से प्रभावी हो गया हैए हालांकि अतिरिक्त 25% शुल्क तीन सप्ताह बाद लागू होगा।

 

अमेरिका द्वारा विभिन्न देशों पर लगाए गए टैरिफ

अमेरिका ने व्यापार असंतुलन और अन्य भू-राजनीतिक कारणों से कई देशों पर टैरिफ लगाए हैं। वर्तमान में, भारत और ब्राजील उन देशों में शामिल हैं जिन पर अमेरिका ने सबसे अधिक टैरिफ लगाया है।

  • भारत: रूस से तेल खरीद के कारण भारत पर कुल 50% टैरिफ लगाया गया है। इसमें पहले से मौजूद 25% टैरिफ के अलावा 25% का अतिरिक्त शुल्क शामिल है।
  • ब्राजील: ब्राजील पर भी कुल 50% टैरिफ लगाया गया है। यह 10% के रेसिप्रोकल टैरिफ और 40% के नए टैरिफ का परिणाम है।
  • कनाडा: अमेरिका ने कनाडा पर 35% टैरिफ लगाया है, हालांकि कुछ व्यापार समझौतों के तहत कुछ वस्तुओं को छूट मिली हुई है।
  • चीन: चीन पर टैरिफ को लेकर अमेरिका के साथ बातचीत जारी है, लेकिन चीन के कुछ उत्पादों पर भारी शुल्क लगाए गए हैं।
  • अन्य देश: अमेरिका ने सीरिया पर 41%, लाओस पर 40%, म्यांमार (बर्मा) पर 40%, कोस्टा रिका पर 15%, और ऑस्ट्रेलिया, चिली व कोलंबिया जैसे देशों पर 10% का टैरिफ लगाया है।

टैरिफ का किसी देश की अर्थव्यवस्था पर प्रभाव

टैरिफ, यानी आयातित वस्तुओं पर लगने वाला कर, किसी भी देश की अर्थव्यवस्था पर कई तरह से प्रभाव डालता है। इसके मुख्य प्रभावों को निम्नलिखित बिंदुओं से समझा जा सकता है:

  1. निर्यात पर नकारात्मक प्रभाव: जब कोई देश किसी दूसरे देश के सामान पर टैरिफ लगाता है, तो उस देश से आने वाला सामान महंगा हो जाता है। इससे उस सामान की मांग कम हो जाती है और निर्यात करने वाले देश के लिए उस बाजार में अपनी हिस्सेदारी बनाए रखना मुश्किल हो जाता है। भारत के मामले में, इस 50% टैरिफ से कपड़ा, चमड़ा, समुद्री उत्पाद और रत्न व आभूषण जैसे क्षेत्रों को बड़ा नुकसान होने की आशंका है।
  2. घरेलू उद्योगों को संरक्षण: टैरिफ का एक प्रमुख उद्देश्य घरेलू उद्योगों को विदेशी प्रतिस्पर्धा से बचाना होता है। जब विदेशी सामान महंगा हो जाता है, तो लोग घरेलू उत्पादों को खरीदना पसंद करते हैं, जिससे स्थानीय कंपनियों को लाभ होता है।
  3. राजस्व में वृद्धि: टैरिफ से सरकार को राजस्व प्राप्त होता है, जिसका उपयोग देश के विकास या अन्य सरकारी खर्चों के लिए किया जा सकता है।
  4. मुद्रा पर प्रभाव: किसी देश पर भारी टैरिफ लगने से उसकी मुद्रा का मूल्य घट सकता है, जिससे निर्यातकों को और अधिक नुकसान हो सकता है।
  5. वैश्विक व्यापार में अनिश्चितता: टैरिफ लगाने से वैश्विक व्यापार में अनिश्चितता का माहौल पैदा होता है। इससे व्यापारिक संबंध खराब हो सकते हैं और वैश्विक आपूर्ति शृंखला पर भी असर पड़ सकता है।
  6. प्रतिस्पर्धी देशों को लाभ: भारत जैसे देश पर टैरिफ लगने से म्यांमार, कंबोडिया और बांग्लादेश जैसे क्षेत्रीय प्रतिस्पर्धी देशों को लाभ हो सकता है, क्योंकि अमेरिकी बाजार में उनके उत्पादों पर कम शुल्क लगता है।
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