Gurmeet Ram Rahim : डेरा प्रमुख राम रहीम को 40 दिन की पैरोल, डेरे में होंगे सामाजिक और आध्यात्मिक आयोजन

Gurmeet Ram Rahim :

Gurmeet Ram Rahim : रोहतक/सिरसा। डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम एक बार फिर पुनर्वास और सुधार की राह पर बाहर आए हैं। रोहतक की सुनारिया जेल में सजा काट रहे राम रहीम को इस बार 40 दिन की पैरोल दी गई है, जो 5 अगस्त से 14 सितंबर तक प्रभावी रहेगी। इस दौरान वह सिरसा स्थित अपने डेरा परिसर में रहेंगे, जहां समाज सेवा और आध्यात्मिक जागरूकता से जुड़े कार्यक्रमों की श्रृंखला आयोजित की जाएगी।

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समाज सेवा और आध्यात्मिकता का संदेश

राम रहीम इस बार 15 अगस्त को अपना 58वां जन्मदिन भी मनाएंगे। इस मौके पर डेरा सच्चा सौदा की ओर से रक्तदान शिविर, स्वच्छता अभियान, पौधारोपण और सत्संग जैसे आयोजन प्रस्तावित हैं। डेरा अनुयायियों के अनुसार, यह कार्यक्रम समाज में सकारात्मक ऊर्जा और सेवा भावना फैलाने के उद्देश्य से आयोजित किए जाएंगे।

14वीं बार जेल से बाहर, लेकिन नज़रबंदी सख्त

यह चौदहवीं बार है जब राम रहीम को जेल से बाहर आने का अवसर मिला है। हालांकि, इस बार भी कड़ी निगरानी और सुरक्षा के बीच ही उन्हें सिरसा में रहने की अनुमति दी गई है। प्रशासन ने साफ किया है कि पैरोल की सभी शर्तें सख्ती से लागू होंगी और उनकी सभी गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है।

समाज में सुधार की पहल?

विशेषज्ञों का मानना है कि बार-बार मिल रही पैरोल को केवल छूट के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए, बल्कि इसे सुधार और पुनर्वास की प्रक्रिया के तौर पर भी समझा जाना चाहिए। डेरा अनुयायियों का कहना है कि राम रहीम जेल में भी आध्यात्मिक चिंतन और समाज सेवा से जुड़े रहे हैं और बाहर आने पर वे युवाओं को नशामुक्ति, स्वच्छता और सेवा कार्यों के लिए प्रेरित करते हैं।

जनकल्याण की दिशा में काम?

पिछले कुछ अवसरों पर पैरोल के दौरान राम रहीम ने ऑनलाइन सत्संगों के माध्यम से लाखों अनुयायियों को समर्पण, शांति और सेवा का संदेश दिया। डेरा प्रबंधन का कहना है कि इस बार भी कई ऑनलाइन एवं ऑफलाइन कार्यक्रमों के जरिए वे समाज को सकारात्मक दिशा देने का प्रयास करेंगे।

गौरतलब है कि राम रहीम वर्तमान में CBI कोर्ट द्वारा दोष सिद्ध दो मामलों में सजा काट रहे हैं — जिसमें साध्वियों के साथ यौन शोषण और पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या शामिल है। ऐसे में प्रशासनिक सतर्कता और न्यायिक निगरानी के साथ उन्हें पैरोल पर रिहा किया गया है।

पुलिस प्रशासन की सख्त निगरानी में डेरा प्रमुख की यह पैरोल न सिर्फ कानून के दायरे में है, बल्कि यह भी संकेत देती है कि सुधार की संभावना को नकारा नहीं जा सकता।

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