Bahraich News: बहराइच की जिलाधिकारी (डीएम) मोनिका रानी को उनके पद से हटा दिया गया है। उन्हें बेसिक शिक्षा विभाग का विशेष सचिव नियुक्त किया गया है। यह तबादला तब हुआ है, जब मोनिका रानी द्वारा 27 अधिकारियों का वेतन रोकने का मामला सुर्खियों में आया था। इस कार्रवाई ने जिले में अधिकारियों और कर्मचारियों के बीच व्यापक विवाद को जन्म दिया था।
मोनिका रानी, जो 2010 बैच की आईएएस अधिकारी हैं, ने कांवड़ यात्रा 2025 के इंतजामों को लेकर अधिकारियों से मांगी गई रिपोर्ट में लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए 27 अफसरों का वेतन रोकने का आदेश जारी किया था। इस फैसले के बाद पंचायत राज सेवा परिषद ने डीएम के खिलाफ धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया और उनके तबादले की मांग की थी। परिषद के जिलाध्यक्ष सर्वेश पांडेय ने आरोप लगाया था कि डीएम ने एक बैठक में अधिकारियों के साथ अभद्र व्यवहार किया, जिससे कर्मचारियों में आक्रोश में फैल गया।
हालांकि, मोनिका रानी ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा था कि उनकी कार्रवाई लापरवाही के खिलाफ थी और कोई अभद्रता नहीं की गई। उन्होंने बताया कि कांवड़ यात्रा की तैयारियों में अधिकारियों की ओर से समय पर रिपोर्ट नहीं दी गई, जिसके चलते यह कदम उठाया गया। इस बीच, आंगनबाड़ी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा संघ ने डीएम का समर्थन किया था।
मोनिका रानी पहले भी अपने सख्त प्रशासनिक फैसलों के लिए चर्चा में रही हैं। बहराइच में ‘ऑपरेशन भेड़िया’ और भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाइयों में उनकी सक्रियता ने उन्हें सुर्खियों में लाया था। इसके अलावा, फर्रुखाबाद में तैनाती के दौरान उन्होंने एक एआरओ को थप्पड़ मार दिया था, इस घटना को लेकर भी काफ़ी विवाद हुआ था।

