Gaza News: गाजा में इजरायली हमले के बाद, यरुशलम के शीर्ष चर्च नेताओं की एकजुट यात्रा

Gaza News: गाजा पट्टी में एकमात्र कैथोलिक चर्च, होली फैमिली चर्च, पर इजरायली सेना के टैंक से दागे गए गोले के हमले में तीन लोगों की मौत और 10 अन्य के घायल होने की घटना के ठीक एक दिन बाद, यरुशलम के शीर्ष चर्च नेताओं ने गुरुवार को गाजा में एकजुटता यात्रा की। इस हमले में चर्च के पादरी फादर गैब्रिएल रोमनल्ली भी घायल हुए हैं।

हमले के समय चर्च में सैकड़ों विस्थापित लोग शरण लिए हुए थे, जिनमें ईसाई और मुस्लिम समुदाय के लोग, बच्चे, बुजुर्ग और दिव्यांग इत्यादि शामिल थे। इस घटना ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय में व्यापक नाराजगी पैदा की है। ग्रीक ऑर्थोडॉक्स पैट्रिआर्केट ऑफ जेरूसलम और लैटिन पैट्रिआर्केट ऑफ जेरूसलम ने इसे धार्मिक स्थलों की पवित्रता का उल्लंघन और मानवता पर हमला करार दिया है।

इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस हमले को एक “दुर्घटना” बताते हुए खेद व्यक्त किया और कहा कि यह एक भटका हुआ गोला मात्र था। उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से फोन पर बातचीत में इस घटना पर दुख जताया और जांच का आश्वासन दिया। हालांकि, गाजा में स्कूलों, अस्पतालों और शरणस्थलों पर बार-बार हो रहे हमलों के कारण स्थानीय लोग अब किसी भी स्थान को सुरक्षित नहीं मान रहें।

पोप लियो XIV ने इस हमले की कड़ी निंदा करते हुए तत्काल युद्धविराम की मांग की और पीड़ितों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की। वेटिकन के राज्य सचिव कार्डिनल पिएत्रो पारोलिन द्वारा हस्ताक्षरित एक संदेश में, पोप ने शांति और सुलह की उम्मीद जताई। इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने भी इस हमले को “अस्वीकार्य” बताया और इजरायल से अंतरराष्ट्रीय कानूनों का पालन करने की अपील की।

यरुशलम के चर्च नेताओं की यह यात्रा गाजा के छोटे ईसाई समुदाय और वहां के पीड़ितों के प्रति एकजुटता दिखाने का प्रयास है। गाजा में केवल 800-1,000 ईसाई बचे हैं, जो दुनिया के सबसे पुराने ईसाई समुदायों में से एक है। गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, 7 अक्टूबर 2023 से शुरू हुए इजरायल-हमास संघर्ष में अब तक 58,600 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं, जिनमें ज्यादातर महिलाएं और बच्चे हैं।

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भी इस हमले की निंदा की और कहा कि धार्मिक स्थलों और शरणार्थियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए। गाजा में मानवीय संकट गहराता जा रहा है, और इस हमले ने शांति वार्ता की आवश्यकता को और उजागर कर दिया है।

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