Jalandhar News: दुनिया के सबसे उम्रदराज मैराथन धावक ‘पगड़ीधारी बवंडर’, 114 साल की उम्र में निधन

Jalandhar News: विश्व प्रसिद्ध मैराथन धावक और ‘टर्बन्ड टॉरनेडो’ के नाम से मशहूर फौजा सिंह का सोमवार को पंजाब के जालंधर जिले में एक सड़क हादसे में निधन हो गया। 114 वर्षीय फौजा सिंह अपने पैतृक गांव ब्यास पिंड के पास पठानकोट-जालंधर नेशनल हाईवे पर सैर कर रहे थे, तभी एक अज्ञात तेज रफ्तार वाहन ने उन्हें टक्कर मार दी। गंभीर रूप से घायल होने के कारण उन्हें जालंधर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई।

फौजा सिंह का जन्म 1 अप्रैल 1911 को जालंधर के ब्यास गांव में एक किसान परिवार में हुआ था। चार भाई-बहनों में सबसे छोटे, फौजा बचपन में शारीरिक रूप से कमजोर थे और पांच साल की उम्र तक तो वो चल बाई नहीं पाते थे। लेकिन उनकी असाधारण इच्छाशक्ति ने उन्हें दुनिया के सामने एक मिसाल बनाया। 1992 में पत्नी ज्ञान कौर के निधन के बाद वे लंदन चले गए, जहां उन्होंने 89 साल की उम्र में मैराथन दौड़ना शुरू किया।

फौजा सिंह ने लंदन, टोरंटो, न्यूयॉर्क और हांगकांग जैसे शहरों में नौ पूर्ण मैराथन दौड़ पूरी कीं। 2011 में टोरंटो मैराथन में 100 साल की उम्र में 8 घंटे 11 मिनट 6 सेकंड में दौड़ पूरी कर वे दुनिया के पहले 100 वर्षीय मैराथन धावक बने। जन्म प्रमाणपत्र न होने के कारण उनका यह रिकॉर्ड गिनीज बुक में दर्ज नहीं हो सका। उनकी सबसे तेज मैराथन टोरंटो में थी, जिसे उन्होंने 5 घंटे 40 मिनट में पूरा किया।

‘पगड़ीधारी बवंडर’ के नाम से विख्यात फौजा सिंह ने 2012 लंदन ओलंपिक में मशालवाहक की भूमिका निभाई और 2015 में ब्रिटिश एम्पायर मेडल से सम्मानित भी हुए। उनकी आखिरी पेशेवर दौड़ 2013 में हांगकांग मैराथन थी, जब वे 101 साल के थे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा, “फौजा सिंह जी अपने अद्वितीय व्यक्तित्व और फिटनेस के प्रति समर्पण के लिए युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत थे। उनका हौसला और आत्मविश्वास अविश्वसनीय था।” पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने भी दुख जताते हुए कहा कि फौजा सिंह ने 114 साल की उम्र में भी ‘नशा मुक्त – रंगला पंजाब’ मार्च में अद्वितीय उत्साह के साथ भाग लिया था।

फौजा सिंह की जीवनी ‘द टर्बन्ड टॉरनेडो’ के लेखक खुशवंत सिंह ने उनके निधन की पुष्टि करते हुए कहा, “मेरा टर्बन्ड टॉरनेडो अब नहीं रहा। उनकी आत्मा को शांति मिले।”

फौजा सिंह का जीवन लाखों लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत रहा। उन्होंने साबित किया कि उम्र महज एक संख्या है जब इरादा मजबूत हों तो कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। उनके निधन से खेल जगत और उनके प्रशंसकों में शोक की लहर है।
जालंधर पुलिस ने हादसे की जांच शुरू कर दी है और फरार चालक की तलाश के लिए सीसीटीवी फुटेज की जांच कर रही है।

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