Delhi News: पूर्व मुख्य न्यायाधीश (CJI) डी. वाई. चंद्रचूड़, अपने रिटायरमेंट (10 नवंबर 2024) के आठ महीने बाद भी लुटियंस दिल्ली में कृष्ण मेनन मार्ग पर स्थित बंगला नंबर 5, जो वर्तमान CJI के लिए आधिकारिक आवास है, उसको अभी तक खाली नहीं किया है। सुप्रीम कोर्ट प्रशासन ने इस मामले में केंद्र सरकार को 1 जुलाई 2025 को पत्र लिखकर बंगला तत्काल खाली कराने और इसे कोर्ट के आवास पूल में वापस करने की मांग की है, क्योंकि चार मौजूदा जजों को सरकारी आवास की आवश्यकता है, और वे ट्रांजिट अपार्टमेंट या गेस्ट हाउस में अभी शरण लिए हुए हैं।
नियमों के अनुसार, रिटायर्ड CJI को छह महीने तक टाइप-VII बंगला किराए-मुक्त रखने की अनुमति है, जो चंद्रचूड़ के मामले में 10 मई 2025 को ही समाप्त हो चुकी थी। उन्हें विशेष अनुमति के तहत 31 मई 2025 तक टाइप-VIII बंगले में रहने की छूट दी गई थी, लेकिन यह अवधि भी अब बीत चुकी है।
चंद्रचूड़ ने देरी का कारण अपनी बेटियों की गंभीर बीमारी (नेमालाइन मायोपैथी) और उनके लिए उपयुक्त, व्हीलचेयर-फ्रेंडली आवास की तलाश में हो रही कठिनाई को अपना कारण बताया है। सरकार ने उन्हें तुगलक रोड पर एक वैकल्पिक किराए का आवास आवंटित किया है, लेकिन इसका नवीनीकरण कार्य चल रहा है, जिसके पूरा होने में दो-तीन सप्ताह लग सकते हैं। उन्होंने कहा कि वे जल्द ही बंगला खाली कर देंगे और सुप्रीम कोर्ट प्रशासन को इसकी जानकारी भी दे दी गई है।
लेकिन सोशल मीडिया पर इस मुद्दे ने विवाद पकड़ लिया है, कुछ लोग उनकी पारिवारिक स्थिति का समर्थन करते नज़र आ रहे हैं, जबकि अन्य इसे नियमों का उल्लंघन मानते हैं। यह स्थिति इसलिए भी जटिल हुई, क्योंकि उनके उत्तराधिकारी, पूर्व CJI संजीव खन्ना और वर्तमान CJI बी. आर. गवई ने इस बंगले में जाने से इनकार कर दिया और अब भी वे अपने पुराने आवासों में ही रह रहे हैं।

