बुलंदशहर के पुलिस कप्तान को हटाया

स्याना में मॉब लिंचिंग का मामला

बुलंदशहर। स्याना में हुई इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की हत्या के बाद पहले सीओ और चौकी इंचार्ज को हटाया गया। आज सुबह बुलंदशहर के पुलिस कप्तान पर भी सरकार की गाज गिरी है। उन्हें यहां से हटा कर पुलिस महानिदेशक मुख्यालय से संबद्घ कर दिया गया है। उनके स्थान पर 2010 बैच के आईपीएस अफसर प्रभाकर चौधरी को तैनात किया गया है।

माना जा रहा है कि वारदात में एसएसपी कृषण बहादुर सिंह की ओर से भी लापरवाही बरती गई थी। उन्होंने इस वारदात से निपटने के लिए कोई ठोस रणनीति नहीं बनाई थी, जिस कारण मामला बढ़ता गया और इंस्पेक्टर को जान देकर शांत करना पड़ा।

हालांकि प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शहीद इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की पत्नी और बच्चों से मुलाकात कर उन्हें हर संभव मदद का आश्वासन दिया और फ्लैट का लोन, बच्चों की पढ़ाई के साथ-साथ अन्य मदद करने के आश्वासन दिए। स्याना में हुई इस घटना के पीछे अधिकारियों की लापरवाही को मानते हुए सरकार सभी संबंधित पुलिसकर्मियों पर कार्यवाही करने के बाद एसएसपी पर गाज गिराई गई है।

बता दें कि 3 दिसंबर को बुलंदशहर के स्याना थाना क्षेत्र के एक खेत में गोकशी की आशंका के बाद बवाल शुरू हुआ। जिसकी शिकायत मिलने पर सुबोध कुमार पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे थे। इस मामले में एफआईआर दर्ज की जा रही थी, इतने में ही तीन गांव से करीब 400 लोगों की भीड़ ट्रैक्टर-ट्राली में कथित गोवंश के अवशेष भरकर चिंगरावठी पुलिस चौकी के पास पहुंच गई और जाम लगा दिया। भीड़ का नेतृत्व बजरंग दल के नेता योगेश राज और बीजेपी नेता शिखर अग्रवाल कर रहे थे।

क्या अधिकारियों को हटाकर ही मिलेगा इंसाफ?

जिस तरह से बुलंदशहर में चौकी इंचार्ज से लेकर पुलिस कप्तान तक को हटाया गया है। उससे एक सवाल उठ रहा है कि क्या अधिकारियों को ही हटाकर शहीद के परिवार को इंसाफ मिलेगा। मुख्य आरोपी बजरंग दल के नेता योगेश राज की गिरफ्तारी नहीं होना भी पुलिस की कार्यशैली पर बड़े सवाल खड़े कर रहा है।

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