नजरअंदाज किया तो होंगे गंभीर परिणाम: दिल्ली हाईकोर्ट

हाईकोर्ट ने एनडीएमसी को जनपथ से अतिक्रमण को हटाने के दिए निर्देश
new delhi news  दिल्ली उच्च न्यायालय ने जनपथ बाजार में बढ़ते अवैध कब्जे और अतिक्रमण को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की है। न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह और न्यायमूर्ति रजनीश कुमार गुप्ता की पीठ ने नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (एनडीएमसी) को आदेश दिया कि वे जनपथ बाजार में सभी अवैध कब्जे और अतिक्रमण को तुरंत हटाएं। कोर्ट ने कहा कि यह समस्या न केवल सड़क की चौड़ाई को कम कर रही है, बल्कि बाजार में बढ़ती भीड़ के कारण दुर्घटनाओं का खतरा भी पैदा कर रही है।
कोर्ट ने यह भी कहा कि संबंधित अधिकारियों का इस मामले में लापरवाही बरतना गंभीर परिणामों का कारण बन सकता है। न्यायालय ने विशेष रूप से एनडीएमसी को फटकार लगाते हुए कहा कि पहले भी इस मुद्दे पर आदेश दिए गए थे, लेकिन अधिकारी आंखें मूंदे बैठे हैं और स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है।
इससे पहले, याचिकाकर्ता अनिल ने उच्च न्यायालय में जनपथ बाजार की हालिया तस्वीरें पेश की थीं, जिनमें देखा गया कि दुकानदारों ने सड़क के बीच में अवैध निर्माण कर लिया है, जिससे पैदल चलने वालों के लिए जगह कम हो गई है। कोर्ट ने एनडीएमसी से 4 मार्च 2025 तक इस मामले पर जवाबी हलफनामा और बाजार के ताजा फोटोग्राफ्स प्रस्तुत करने का आदेश दिया था, लेकिन समय सीमा के भीतर कोई रिपोर्ट नहीं दी गई।
कोर्ट ने कहा कि अगर इस मुद्दे को नजरअंदाज किया गया, तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं, और संबंधित अधिकारियों को अपनी जिम्मेदारी का पालन करने के लिए निर्देश दिया।

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