मकान मालिकों को हनीट्रैप में फंसाकर करते थे ब्लैकमेल और फिर…

सेंट्रल नोएडा के थाना बादलपुर पुलिस ने एक ऐसी गृह का पर्दाफाश किया है जो मकान मालिकों को हनीट्रैप में फंसाकर ब्लैकमेल करते थे और फिर उनसे मोटी वसूली किया करते थे। लाखों रुपए में वसूली करने के बाद फरार हो जाते थे।

ऐसे करते थे वसूली
बता दें कि ग्राम सादोपुर, थाना बादलपुर में एक व्यक्ति के साथ हनी ट्रेप कर दुष्कर्म का झूठा मुकदमा लिखवाने व समझौता करने के नाम पर जबरन 2.5 लाख रूपये में फैसला किया गया तथा 40,000 रूपये ले लिये गये थे। जिसके संबंध में पीड़ित की लिखित तहरीर पर थाना बादलपुर पर एएफआईआर की गई।

ऐसे हुई कार्यवाही

डीसीपी शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि दिनांक 26.02.2025 को थाना बादलपुर पुलिस द्वारा लोकल इंटेलिजेंस व गोपनीय सूचना की सहायता से हनी ट्रेप के माध्यम से पैसे लेकर ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश करते हुए 02 अभियुक्तो 1-बादल डेढा उर्फ कालू सिंह 2-प्रिन्स व 3-जेहरा को थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया है। अभियुक्त प्रिन्स के कब्जे से 12,000 रूपये नगद, अभियुक्त बादल डेढ़ा उर्फ कालू सिंह से 13,000 रूपये नगद व अभियुक्ता जेहरा से 15000 रूपये नगद (वसूली के कुल 40,000 रूपये) बरामद हुए है।

लोगों को ऐसे बनाते थे शिकार

थाना बादलपुर पर पीआरवी के माध्यम से सूचना प्राप्त हुई, जिसमें कॉलर बादल डेढा उर्फ कालू सिंह द्वारा बताया गया कि 19-20 वर्ष की लड़की के साथ दुष्कर्म की घटना हुई है। उक्त सूचना पर थाना बादलपुर पुलिस द्वारा मौके पर पहुंचकर जांच की गयी तो पीड़िताध्अभियुक्ता द्वारा दुष्कर्म कि घटना सुबह 07.30 बजे से सुबह 08.30 बजे के मध्य की बतायी गयी। पुलिस टीम द्वारा वहां लगे सीसीटीवी कैमरे व घटनास्थल का निरीक्षण व आस-पास के लोगो से पूछताछ की गयी तो पाया कि घटना के समय पीड़िता की सगी बडी बहन वही पर उपस्थित थी एवं कैमरे में भी उपरोक्त स्थान के आस-पास अन्य किरायेदारों की गतिविधि सामान्य पायी गयी। प्रथम दृष्टया उपरोक्त घटना संदिग्ध प्रतीत हुयी जिसके अनावरण हेतु उच्चाधिकारीगण के निर्देशन में पुलिस टीम का गठन किया गया।

पूछताछ में ये आया सामने

डीसीपी ने बताया कि पीड़िता से जब विस्तृत पूछताछ की गयी तो पीड़िता द्वारा बताया गया कि मैं अकेले रहती हूं और मेरे पिता नही है तथा मां से झगड़ा चल रहा है। बादल व प्रिन्स मेरे मुंहबोले भाई है, मैं पिछले 2 वर्ष से बादल के मकान, दिल्ली में ही रहती थी और बादल ही मेरा खर्चा चलाता था। लोनी में मेरी मुलाकात प्रिन्स से हुयी थी। बादल डेढ़ा के बारे में पुलिस को पता चला कि यह अपराधिक प्रवृत्ति का व्यक्ति है और इसके विरूद्ध कई मुकदमे दर्ज है तथा पीड़िता के माध्यम से इसने कई लोगो को ठगा है। थाना न्यू अशोक नगर दिल्ली में इसकी हिस्ट्रीशीट बनाये जाने की कार्यवाही भी प्रचलित है।

जांच के दौरान यह भी ज्ञात हुआ कि पीड़िता द्वारा बादल व प्रिन्स के साथ मिलकर थाना अंकुर विहार, गाजियाबाद क्षेत्र में दिनांक 02.11.2024 को एक अन्य मकान मालिक तथा उसके नाबालिग लड़के द्वारा पीड़िता के साथ दुष्कर्म करने के सम्बन्ध में एफआईआर लिखाने के लिए प्रार्थना पत्र दिया गया था। पीड़िता द्वारा उक्त मकान मालिक के मकान में किराये पर कुल 8 दिन रहने के दौरान ही इस तरह का आरोप लगाया गया था। दिनांक 17.11.2024 को कार्यवाही न करने का एक समझौता पत्र थाना अंकुर विहार में उपरोक्त तीनो के द्वारा दिया गया था। थाना बादलपुर पुलिस द्वारा जब इस घटना के आरोपी(मकान मालिक) से पूछताछ की गयी तो उसने बताया कि मेरे नाबालिग बेटे को गलत फंसाकर इस बात की धमकी दी गयी कि बलात्कार में आजीवन कारावास की सजा है, हम तुम्हे कही का नही छोडेंगें तब मेरे द्वारा बिना किसी गलती के भी इनके दबाव में आकर साढे पांच लाख रूपये इन तीनो को दे दिये। और इन्होने समझौतानामा लिखकर थाने पर दिया था। ये तीनो लोग मिलकर गैंग के रूप में काम करते है तथा नई-नई जगह किराये का कमरा तलाश कर मकान मालिकों को बलात्कार में फंसाने की धमकी देकर जबरन पैसा वसूलने का काम करते है।
ये है आपराधिक इतिहास
बता दें कि बादल उपरोक्त के विरूद्ध 11 मुकदमे पंजीकृत है, इसके विरूद्ध गैंगस्टर की कार्यवाही भी हो चुकी है तथा पहले इसका नाम कालू सिंह था। जब कालू सिंह नाम से इसका अपराधिक इतिहास ज्यादा हो गया तब इसने आधार कार्ड में अपना नाम कालू सिंह से बदलकर बादल डेढ़ा रख लिया और सबको अपना नाम बादल डेढ़ा ही बताता था जिससे यह पकडा ना जा सके।
इसी प्रकार साजिशन इन तीनो के द्वारा ग्राम सादोपुर में पीड़िताध्अभियुक्ता को एक व्यक्ति के मकान में कमरा दिलवाया गया, जब उस व्यक्ति को इस पीड़िताध्अभियुक्ता की गतिविधियां संदिग्ध लगी तो उसके द्वारा अभियुक्ता से कमरा खाली करवा दिया गया और उसी के नजदीक यह अन्य व्यक्ति(वादी) के मकान में दिनांक 19.02.2025 को किराये का कमरा लेकर रहने लगी। मात्र तीन दिन बाद अभियुक्ता द्वारा कमरे में सिंक के पाईप का खराब होने का बहाना बनाकर मकान मालिक को अपने कमरे पर बुलाया और उसे बातो में उलझाकर काफी देर तक अपने कमरे पर रखा जहां पर उसकी बहन भी उपस्थित थी। उसके बाद बहन के जाने के बाद बादल और प्रिन्स को फोन करके बुलाया तथा मकान मालिक(वादी) को बुलवाकर इन तीनो ने मिलकर उससे कहा कि तुम पीड़िताध्अभियुक्ता के कमरे में काफी देर रहे हो या तुम हमें रूपये नही तो हम तुम्हे झुठे दुष्कर्म के मामलें में फंसा देगें और तुम्हारे कैमरे में अंदर आने व बाहर जाने की फुटेज भी होगी। यदि सबूत हम पुलिस को तुम्हारे खिलाफ देगें तो दुष्कर्म के केस में 10 साल से आजीवन कारवास तक सजा है। जिसके पश्चात वादी द्वारा इनके दबाव में आकर 2.5 लाख रूपये देने की हामी भर ली गयी और 50 हजार रूपये इन तीनो को दे दिये गये और बाकी रूपयो के लिए जब देरी होने लगी तब इन तीनो नें प्लानिंग के तहत डॉयल-112 पर बलात्कार की झूठी सूचना दी।

अपराध का तरीका

मालूम हो कि बादल डेढ़ा व प्रिन्स द्वारा अपनी गाड़ी में घूम-फिरकर दिल्ली एनसीआर में अच्छे खासे मकान मालिको को चिन्हित कर अभियुक्ता जेहरा को उनके घरो में किराये पर कमरा दिलाकर उक्त मकान मालिक को साजिश के तहत बलात्कार के झूठे आरोप में फंसाने की धमकी देते है तथा यह अपनी जान-पहचान बडे अधिकारियों से बताते है और वकील को साथ लेकर जाते है। फिर यह लोग मकान मालिको को डरा धमकाकर जबरन रूपयो की वसूली करते है।

 

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