चीनी नागरिकों के साथ मिलकर करते थे डिजिटल अरेस्ट, गेमिंग ट्रेडिंग ऐप की ये है भूमिका

Digital Arrest by China Citizen:  चीनी नागरिकों के साथ मिलकर डिजिटल अरेस्ट, गेमिंग ट्रेडिंग ऐप के जरिए साइबर फ्राड करने वाले दो ठगों को नोएडा एसटीएफ ने सुजरपुर से गिरफ्तार किया है। इनकी पहचान प्रयागराज निवासी रोहन अग्रवाल और कानपुर निवासी हर्ष वर्धन हुई है। इस गिरोह के तीन साथी पहले ही गिरफ्तार किए जा चुके है।
एसटीएफ नोएडा यूनिटके अपर पुलिस अधीक्षक राजकुमार मिश्र एवं सीओ नगेन्द्र कुमार की टीम को पूछताछ में रोहन ने बताया कि नवंबर 2024 से अब तक चाइनीस हैंडलर ने उसके यूएसडीटी वॉलेट में 3 करोड़ 49 लाख रुपए ट्रांसफर किए। रोहन इस यूएसडीटी को हवाला के जरिए कैश में बदल लेता है। ये पैसा खाता उपलब्ध कराने वाले लोगों को बांटा जाता है। इन दोनों के पास से 150 म्यूल अकाउंट की जानकारी मिली है। ये म्यूल अकाउंट उप्र , दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, तेलंगाना, तमिलनाड़ , कर्नाटक , केरल , महाराष्ट्र , मध्य प्रदेश, उड़ीसा के है। एसीआरपी पोर्टल पर 471 से अधिक साइबर फ्राड की शिकायत है। जिसमें फ्राड की रकम को ट्रांसफर किया जाता है। इन खातों के खिलाफ एनसीआरपी पोर्टल पर करीब 471 से ज्यादा साइबर फ्राड की शिकायत दर्ज है। इन खातों के बारे में छानबीन की जा रही है।
एसटीएफ नोएडा यूनिट के अपर पुलिस अधीक्षक राजकुमार मिश्र ने बताया कि 12 फरवरी को इस गैंग के तीन सदस्य मोहन सिंह, संयम जैन और अरमान को गिरफ्तार किया था। इनसे पूछताछ से मिले इनपुट के बाद मुखबिर को एक्टिव किया गया। बताया कि रोहन और हर्ष दोनों ग्रेटरनोएडा में है। एसटीएफ ने दोनों को सुरजपुर से पकड़ पूछताछ के लिए एसटीएफ कार्यालय लाया गया। यही से दोनों की गिरफ्तारी की गई।
टेलीग्राम पर चाइनीज हैंडलर से हुआ संपर्क
पूछताछ में हर्ष ने बताया कि उसकी उम्र करीब 28 साल है और कलिंगा यूनिवर्सिटी से बीए एलएलबी कर रहा है। रोहन अग्रवाल 29 साल का इंटर पास है। सट्?टा खेलने के दौरान रोहन की मुलाकात आमिर से हुई। आमिर कमीशन बेस पर चायनीज नागरिकों को म्यूल अकाउंट उपलब्ध कराता था। उसी से रोहन ने काम सीखा और टेलीग्राम ग्रुप पर कई चाइनीज हैंडलर के संपर्क में आया। साथ ही उनको बड़ी संख्या में कमीशन बेस पर म्यूल खाता देने लगा।
एपीआई टूल से चाइनीज हैंडलर को मिलता पैसा
पूछताछ में बताया कि वो हमेशा टेलीग्राम ग्रुप के जरिए ही चीनी नागरिकों के संपर्क में रहता था। फ्राड के बाद पैसा एपीआई के जरिए बैंक खातों को कनेक्ट कर पैसा मांगते है। ये लोग अपने अन्य साथियों के जरिए फर्म या कंपनी के नाम से खुले करंट अकाउंट लेते है। कही होटल में बैठकर ऐसे खातों को लॉगिन करके एपीआई टूल के जरिए विदेश में बैठे चाइनीज हैंडलर को फंड उपलब्ध कराते है।
चाइनीज ड्रेगन मैसेज ऐप से होती क्लोनिंग
खाता धारक का मोबाइल नंबर जो बैंक में रजिस्टर्ड है उसे फोन में डालकर चाइनीज ड्रेगन मैसेज ऐप इंस्टॉल कर लेते है। इस एप्लिकेशन से बैंकिंग लेनदेन का ओटीपी जो भी इस नंबर आते है। ये ओटीपी चाइना में बैठे हैंडलर को दिखाई देते है। जिसको वो आॅटोमैटिक रूप से खाते से धन प्राप्त करने के लिए एपीआई से कनेक्ट हो जाते है। एपीआई के जरिए ये इस खाते से अपने अन्य खातों में पैसा ट्रांसफर कर लेते है। इस पैसे से क्रिप्टो करेंसी यूएस डीटी खरीदते है और यूएस डीटी में ही भारत में अपने गैंग को पैसा देते है।

 

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