ठग करते रहे कोशिश मगर ऐसे हो गयी नाकाम… पुलिस ने बताया फ्रॉड से बचने का इसे बेहतरीन तरीका

Noida Police: आज कल ऑनलाइन ठगी काफी बढ़ गई है। इससे बचने के लिए पुलिस आरबीआइ और कई संस्थाएँ लगातार जागरूकता फैला रही है। मगर ठग नए नए फॉर्मूला लेकर लोगों को ठग रहे। नोएडा पुलिस की ओर से ठगी से बचने की एक कहानी पेश की गई है। जिसमे बताया गया है कि रमेश कुमार (काल्पनिक नाम) जो भंडारण निगम से एक अधिकारी के पद से रिटायर हुए हैं, और ग्रेटर नोएडा के निवासी हैं, वर्तमान समय में दिल्ली में रह रहे हैं। एक दिन रमेश जी के मोबाइल पर एक व्हाट्सएप कॉल आया कॉल करने वाली महिला ने स्वयं को एसबीआई बैंक के क्रेडिट कार्ड कस्टमर सर्विस से होना बताया, उसने रमेश जी को बताया कि उसके क्रेडिट कार्ड के ऊपर करीब दो लाख रूपये का बकाया है। उसने यह भी बताया कि यह कार्ड मुंबई के पते से जारी किया गया है, इसके आवेदन में आपका आधार कार्ड, पैन कार्ड का प्रयोग किया गया है। रमेश द्वारा बताया गया कि वह तो नोएडा का रहने वाला है और दिल्ली में रह रहा है। मेरे द्वारा इस तरह के किसी कार्ड का कोई आवेदन नहीं किया गया है। फिर उस महिला द्वारा बताया गया कि इस कार्ड से कई गलत गतिविधियों के कार्य किए गए हैं, जिसकी शिकायत मुंबई साइबर क्राइम ब्रांच के पास दर्ज है, मैं आपको साइबर क्राइम पुलिस से कनेक्ट करती हूं। यदि आपको इस प्रकरण में अपनी कोई सफाई देनी है तो आपको ऑनलाइन एफआईआर दर्ज करानी पड़ेगी और आपको इस संबंध में किसी को भी नहीं बताना है क्योंकि यह कॉन्फिडेंशियल मामला है। फिर उस महिला द्वारा फोन को एक अन्य कॉल पर कनेक्ट किया गया उधर से एक व्यक्ति बात करता है उसके द्वारा बताया गया कि वह मुंबई क्राइम ब्रांच का ऑफिसर है उसने रमेश जी से बताया कि आपके आधार कार्ड का दुरुपयोग किया गया है और एक बैंक के सेवानिवृत अधिकारी के साथ ढाई करोड रुपए का गबन किया गया है, जिसकी जांच सीबीआई द्वारा की जा रही है, इसलिए हम आपको सीबीआई से कनेक्ट करते हैं फिर उस अधिकारी द्वारा एक नई कॉल से कनेक्ट करते हुए बात कराई गई उधर से बात करने वाले अधिकारी ने कड़क आवाज में बात करते हुए कहा कि वह सीबीआई का अधिकारी बोल रहा है उसने बताया कि आपका आधार कार्ड और पैन कार्ड का प्रयोग करके 3 करोड रुपए का चिट फंड घोटाला किया गया है। इस पर आप की आईडी और पैन कार्ड का प्रयोग किया गया है। इस संबंध में आप क्या कहना चाहेंगे, रमेश ने कहा कि वह बहुत ईमानदार व्यक्ति है और बुजुर्ग है। रिटायर होकर अपने परिवार का भरण पोषण कर रहा है। उसने अपने पूरी सर्विस काल में कभी कोई बेईमानी का कार्य नहीं किया है। सीबीआई अधिकारी ने कहा कि ठीक है यदि आप ईमानदार अधिकारी हैं तो आपको जांच में सहयोग करना होगा यदि आप जाँच में सहयोग करेंगे और आपकी कोई गलती नहीं होगी तो आपका नाम इस केस से हटा दिया जाएगा किंतु यह जांच भारत के सर्वोच्च न्यायालय के अधीन की जाएगी, इसलिए निश्चित रूप से आपको न्यायालय द्वारा किए जा रहे ट्रायल में सम्मिलित होना पड़ेगा। रमेश जी ने अपने बुजुर्ग होने का हवाला देते हुए कहा कि वह वहां शामिल नहीं हो सकता है उस पर सहानुभूति की जाये तब सीबीआई अधिकारी ने कहा कि ठीक है, मैं आपकी तरफ से माननीय न्यायालय से रिक्वेस्ट करूंगा किंतु आपको डिजिटल इन्वेस्टिगेशन के लिए तैयार रहना होगा क्योंकि मैं आपकी सारी फाइल सुप्रीम कोर्ट के जज के आफिस में भेज चुका हूँ और मैंने उनसे रिक्वेस्ट भी किया है कि आप बड़े पद पर रह चुके हैं आप पर सहानुभूति पूर्वक विचार किया जाए। फिर रमेश जी को एक वीडियो कॉल के जरिए जोड़ा गया जिस पर सामने एक व्यक्ति न्यायाधीश की वेशभूषा में बैठा था उसके द्वारा रमेश से पूछा गया कि आपका आधार कार्ड व पैन कार्ड का प्रयोग करके 3 करोड रुपए का चिट फंड घोटाला किया गया है एवं कई अन्य गबन किए गए आप इस पर क्या कहना चाहते हैं। इसी बीच सीबीआई अधिकारी द्वारा रिक्वेस्ट करते हुए बताया गया कि श्रीमान जी यह ईमानदार अधिकारी हैं बड़े पद पर रह चुके हैं, जिस पर जज द्वारा कड़ी आवाज में सीबीआई अधिकारी को चुप कराते हुए कहा गया की तीन और अधिकारी इस अपराध में शामिल है जिनकी गिरफ्तारी कराई जानी शेष है। आप सीबीआई अधिकारी को जांच में पूरा सहयोग करें उनके बताएं अनुसार सारे दस्तावेज उपलब्ध कराये यह कह करके वह वीडियो कॉल डिस्कनेक्ट कर दी गई, फिर सीबीआई अधिकारी द्वारा रमेश को बताया गया कि इस प्रकरण में आरबीआई द्वारा पूरी जांच कराई जा रही है इसलिए आपको अपना समस्त धनराशि आरबीआई के अकाउंट में ट्रांसफर करना होगा रमेश द्वारा बताया गया कि उसके पास ज्यादा पैसा नकद नहीं है ज्यादातर पैसा बैंक में और म्युचुअल फंड में लगा हुआ है जिस पर सीबीआई अधिकारी द्वारा नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा गया कि किसी तरह से मैने माननीय न्यायालय से रिक्वेस्ट करके इस प्रकरण में आपको समय दिलाया है अन्यथा आपकी आज ही गिरफ्तारी हो जाती आप तत्काल अपने म्युचुअल फंड तोड़ करके और सारा पैसा जो भी है वह इकट्ठा करके आरबीआई के जांच वाले खाते में जमा करिए जिससे जांच की जाएगी कि आपका पैसा किसी हवाला या गबन के माध्यम से तो नहीं आया है यदि नहीं होगा तो आपको पैसा वापस कर दिया जाएगा और यदि वह पैसा हवाला या इस तरह के चिटफंड घोटाले से आया है तो जब्त किया जाएगा और आपके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। रमेश द्वारा बताया गया कि उसने जो म्युचुअल फंड ले रखे हैं इस समय कंपनियों के शेयर बहुत गिरे हुए हैं यदि उन्हें तोड़ेगा तो उन्हें बहुत नुकसान होगा सीबीआई अधिकारी ने कहा कि नुकसान के चक्कर में तुम जेल चले जाओगे कुछ भी नुकसान हो आप उसको तत्काल निकाल करके आरबीआई के खाते में जमा करिए यदि आपको कोई नुकसान होगा उसकी भरपाई आरबीआई द्वारा की जाएगी। यदि आप सही हैं तो आपका सारा पैसा वापस कर दिया जाएगा। रमेश जी डर गए उन्हें लगा कि कहीं उनकी गिरफ्तारी न कर ली जाए इसलिए उन्होंने अपना सारा पैसा और म्युचुअल फंड के सारे फंड तोड़ करके पूरा अमाउंट इकट्ठा करके 01 करोड़ 19 लाख रूपये साइबर अपराधियों द्वारा बताए गए बैंक खाते में ट्रांसफर कर दिए गए इसके बाद साइबर अपराधियों द्वारा इन्हें दो दिन बराबर कॉल करके एवं वीडियो कॉल करके अपने नियंत्रण में रखा गया। जब उन्हें विश्वास हो गया कि रमेश जी के पास अब कोई पैसा नहीं बचा तब उन्होंने उनसे संपर्क छोड़ दिया। अब रमेश जी बराबर उनको फोन मिला रहे थे ताकि यदि जांच हो गई हो तो उनका पैसा वापस कर दिया जाए किंतु उधर से कोई रिस्पांस नहीं आ रहा था। रमेश जी को एहसास हो गया था कि उनके साथ धोखाधड़ी हो गई है जिसकी सूचना तत्काल रमेश जी ने साइबर क्राइम नोएडा पुलिस को दी गयी, जिस पर थाना साइबर क्राइम कमिश्नरेट गौतमबुद्धनगर पुलिस द्वारा अभियोग पंजीकृत किया गया एवं विवेचना प्रारंभ की गई। पुलिस द्वारा घटना में शामिल एक अभियुक्त को गुड़गांव हरियाणा से गिरफ्तार किया गया एवं एक अन्य अपराधी को भी गुजरात से गिरफ्तार किया गया।’

इन बातों का रखें ख्याल

’डिजिटल अरेस्ट- यदि आपके पास कोई व्यक्ति स्वयं को सीबीआई अधिकारी, पुलिस अधिकारी, ईडी अधिकारी, नारकोटिक्स विभाग का अधिकारी, इनकम टैक्स का अधिकारी बनकर कॉल करता है और उसके बाद आपको स्काइपध्जूमध् ऐप डाउनलोड करा कर वीडियो कॉल करने के लिए कहता है और आपका आईडी अवैध मादक पदार्थ के विक्रय में हवाला जैसे कारोबारध् मनी लांड्रिंगध्स्मगलिंगध्फेक इम्पोर्ट एक्सपोर्ट में संलिप्त पाए जाने की बात कह कर डराता है, आपके विरुद्ध हुई एफआईआर दिखाता है, सुप्रीम कोर्ट का आदेश दिखाता है या कोर्ट सुनवाई करवाता है तो यह व्यक्ति साइबर अपराधी है, आपको डरना या भयभीत नहीं होना है इसकी तुरंत शिकायत अपने निकटवर्ती पुलिस स्टेशन अथवा साइबर पुलिस स्टेशन में करनी है। साइबर अपराधी के कहने पर किसी भी खाते में कोई भी धनराशि ट्रांसफर नहीं करनी है। यदि आप ऐसा करते हैं तो आप साइबर ठगी के शिकार बन सकते है। सतर्क रहें सुरक्षित रहें।

 

यह भी पढ़े : Noida: सेक्टर 34 में आरडब्ल्यूए की नवनिर्वाचित कमेटी ने ली शपथ रिटायर्ड जज और सांसद हुए शामिल

यहां से शेयर करें