भाजपा में सीएम पद की बढी दावेदारीः शिखा राय पर र्शीष नेतृतव की निगाहें, दिल्ली को मिलेगी महिला मुख्यमंत्री!

Who is Delhi New CM: दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद से ही लगातार भाजपा में सीएम पद की दावेदारी बढ रही है। कई बड़े नाम सामने आए थे लेकिन अब ग्रेटर कैलाश से विधायक बनीं शिखा राय का नाम दमदारी से सामने आया है। वैसे तो शिखा राय साधारण नेताओं में शुमार है। इसलिए ही उनके नाम पर गंभीरता से विचार चल रहा है।

बीजेपी ने जीतीं 48 सीटें
बता दें कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 48 सीटों पर जीत हासिल की है जबकि आम आदमी पार्टी महज 22 सीटों पर सिमट गई। अब जल्द ही दिल्ली में बीजेपी सीएम का ऐलान करेगी। सब की निगाहें इस बात पर टिकी है कि बीजेपी किस नेता को दिल्ली के मुख्यमंत्री पद के लिए चुनेगी? रेस में तो कई नाम हैं लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा हमेशा सीएम पद को लेकर चैंकती रही है।

इनके चल रहे है नाम
परवेश वर्माः परवेश वर्मा नई दिल्ली विधानसभा सीट से चुनाव जीते हैं। अहम बात है कि उन्होंने पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल को हराया है। उनका नाम मुख्यमंत्री पद के लिए प्रमुखता से आगे चल रहा है। कई भाजपा के समर्थक भी परवेश वर्मा को मुख्यमंत्री बनाने की मांग कर रहे हैं। 1998 से जो दिल्ली विधानसभा सीट जीतता है, वही सीएम बनता रहा है।

शिखा रायः दूसरे नंबर पर शिखा राय का नाम सीएम पद के लिए चल रहा है। शिखा राय ने ग्रेटर कैलाश विधानसभा सीट से जीत हासिल की है और आप के कद्दावर नेता सौरभ भारद्वाज को हराया है। शिखा राय के लिए ग्रेटर कैलाश विधानसभा सीट मुश्किल मानी जा रही थी लेकिन उन्होंने अच्छे अंतर से जीत हासिल की है। अगर भाजपा किसी महिला नेता को सीएम बनाती है तो शिखा राय का नाम सबसे आगे हो सकता है।

मनजिंदर सिंह सिरसाः मनजिंदर सिंह सिरसा ने राजौरी गार्डन विधानसभा सीट से जीत हासिल की है। सिरसा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी माने जाते हैं। बीजेपी कई सालों से सिख समुदाय तक पहुंच बनाने का प्रयास कर रही है। अगर बीजेपी दिल्ली में मनजिंदर सिंह सिरसा को सीएम बनाती है तो इसका फायदा उसे पंजाब में भी मिल सकता है। हालांकि सिरसा खुद को सीएम पद की रेस से बाहर बता रहे हैं।

मनोज तिवारीः मनोज तिवारी का नाम भी सीएम पद के लिए चल रहा है। मनोज तिवारी दिल्ली बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष भी रह चुके हैं और वर्तमान में उत्तर पूर्वी दिल्ली से सांसद हैं। हालांकि मनोज तिवारी अभी विधायक नहीं हैं। अगर भाजपा उन्हें सीएम बनाती है तो उन्हें संसदी से इस्तीफा देना पड़ेगा और किसी एक सीट से 6 महीने के अंदर विधानसभा चुनाव जीतना पड़ेगा।

 

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