गाजियाबाद विकास प्राधिकरण को रेड मॉल की संपत्ति बिक्री में मिलेगा 90 फीसदी अंशदान
ghaziabad news राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) में रेड मॉल के मामले में बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान एनसीएलटी ने जीडीए को फाइनेंसियल क्रेडिटर घोषित कर दिया है। इससे प्राधिकरण को रेल मॉल की संपत्ति बिक्री पर 90 फीसदी अंशदान मिलेगा, जिससे प्राधिकरण का 217 करोड़ रुपये का बकाया जल्द मिलने की उम्मीद जाग गई है। नए बस अड्डा स्थित रेड मॉल पर जीडीए का 217 करोड़ रुपये बकाया है। वर्ष 2006 में जीडीए ने यह जमीन नीलामी के माध्यम से करीब 100 करोड़ रुपये में बेची थी। उस दौरान 25 फीसदी रकम जमा किए जाने के साथ इस जमीन पर खरीदारों को कब्जा दे दिया गया। बाकी 75 फीसदी रकम को समय से नहीं जमा करवाया जा सका। फिर जिन कंपनियों के नाम जमीन आवंटित हुई थी, वह खुद को दिवालिया घोषित करते हुए एनसीएलटी में चली गईं। जीडीए के अधिकारी बताते हैं कि एनसीएलटी में बुधवार को सुनवाई के जीडीए को फाइनेंसियल क्रेडिटर घोषित कर दिया है। इससे प्राधिकरण का बकाया जल्द मिलने की उम्मीद है।
फाइनेंसियल क्रेडिटर घोषित होने का जीडीए को फायदा
जीडीए अधिकारी बताते हैं कि किसी भी मामले में दो तरह के क्रेडिटर होते हैं। इसमें फाइनेंसियल क्रेडिटर को सभी तरह के अधिकार होते हैं। जबकि आॅपरेशन क्रेडिटर के सीमित अधिकार है। ऐसे में जीडीए को फाइनेंसियल क्रेडिटर घोषित किया है। इसका यह लाभ होगा कि संपत्ति की बिक्री पर 90 फीसदी का अधिकारी प्राधिकरण होगा। इसे ऐसे भी समझा जा सकता है कि किसी भी विवादित मामले की संपत्ति की बिक्री सौ करोड़ रुपये में होती है, तो फाइनेंसियल क्रेडिटर का 90 करोड़ रुपये जबकि बचे हुए दस करोड़ रुपये आॅपरेशनल क्रेटिडर को मिलेंगे। चाहे आॅपरेशनल क्रेडिटर का दिवालिया कंपनी पर अधिक बकाया हो।
क्या कहते हैं जीडीए उपाध्यक्ष
जीडीए उपाध्यक्ष अतुल वत्स ने बताया कि एनसीएलटी ने रेड मॉल के मामले में जीडीए को फाइनेंसियल क्रेडिटर घोषित कर दिया है। ऐसे में उसकी संपत्ति की बिक्री का प्राधिकरण को 90 फीसदी अंशदान मिलेगा, जिससे प्राधिकरण का 217 करोड़ रुपये बकाया जल्द मिल सकेगा। इस रकम को प्राधिकरण शहर के विकास कार्यों में लगाएगा।
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