Fraud Builder: रुपए लेकर मकान, दुकान और ऑफिस स्पेस न देने वाले बिल्डरों की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है। अब दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने जेस्था प्रोजेक्ट्स और वर्धमान एस्टेट्स प्राइवेट लिमिटेड के मालिक को 30 करोड़ की ठगी के आरोप में गिरफ्तार किया है। पुलिस ने इसका नाम हरिंदर बशिष्ठ (49) बताया है। हरिंदर ने ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क- तीन में वर्धमान-आई वैली के नाम से एक प्रोजेक्ट लॉन्च किया। यहां निवेश के नाम पर लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी हुई। आरोपियों ने ऑफिस स्पेस, कॉमर्शियल यूनिट के अलावा मकान खरीदने का झांसा दिया। इसके अलावा पीड़ितों को निवेश के नाम पर भी ठगा गया। बदले में मोटा मुनाफा देने बात की गई। समय बीतने के बाद न तो की प्रॉपर्टी मिली और न ही उनके पैसे मिले।
बता दें कि जेस्था प्रोजेक्ट्स और वर्धमान एस्टेट्स प्राइवेट लिमिटेड को साढ़े तीन साल में प्रोजेक्ट को पूरी कर यूनिट बायर्स को सौंपनी थी। लेकिन आज तक न तो प्रोजेक्ट पूरा हुआ और न ही ग्राहकों के पैसे ही वापस किए गए। इसके अलावा लीज डीड के अनुसार वह बिल्डर बायर्स एग्रीमेंट (बीबीए) भी नहीं कर सकते थे। गुगुलोथ ने बताया कि 24 मई 2022 को सुनील गुप्ता नामक व्यक्ति ने ठगी की शिकायत दी थी। उन्होंने बताया कि जेस्था प्रोजेक्ट्स और वर्धमान एस्टेट्स प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी ने प्रॉपर्टी में निवेश के नाम पर उनसे करोड़ों की ठगी की है। पुलिस के पास धीरे आरोपियों ने ठगी के लिए एक ही प्रॉपर्टी को कई खरीदारों को बेच दिया। आर्थिक अपराध शाखा की टीम ने नोएडा प्राधिकरण की मदद से लीज डीड की गहनता से पड़ताल की। छानबीन के बाद आरोपों को सही पाए जाने के बाद मामला दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार किया गया। पुलिस बाकी आरोपियों की तलाश कर रही है। ब्यूरो कहा, आईटी कंपनियां भी प्रोजेक्ट में कर रहीं निवेश…रू छानबीन के दौरान पुलिस की टीम को पता चला है कि आरोपियों ने पीड़ितों को जाल में फंसाने के भरसक प्रयास किए।
रुपये चैबुने करने का दिया था झांसा
खरीदारों से कहा कि उनके प्रोजेक्ट में आईटी कंपनियां भी निवेश कर रही हैं। वह यहां अपने दफ्तर खोलेंगी। ऐसे में उनकी खरीदी गई प्रॉपर्टी के दाम दोगुने और चैगुने हो जाएंगे। इसके बाद कई निवेशक उनके जाल में फंस गए।
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