ghaziabad news परमार्थ सेवा ट्रस्ट के सहयोग से जीटी रोड स्थित सिल्वर सिटी सिनेमा हॉल में बुधवार को दुहाई वृद्ध आश्रम में रहने वाले महिला व पुरुषों को सामाजिक तानेबाने पर बनीं वनवास फिल्म दिखाई गई। फिल्म में मार्मिक सीन देखकर पूरे हॉल में शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति बचा हो, जिसकी आंखों से आंसू ना निकले हों।
परमार्थ सेवा ट्रस्ट के चेयरमैन वीके अग्रवाल ने बताया कि फिल्म के अंदर सबसे अच्छा अभिनय नाना पाटेकर का था। जिनके बच्चों ने मकान व संपत्ति को हड़पने के लिए उन्हें बनारस घुमाने के लिए ले गए और तीनों बहू बेटे उन्हें अकेला छोड़कर चले आए। बच्चों ने पिता की जेब से सभी पहचान पत्र तथा याददाश्त कायम रखने की दवा भी निकाल ली। ताकि उनकी मेमोरी कभी वापस ना आए। वापस आकर लोगों को बताया कि पिता नहाते वक्त गंगा में डूब गए। इतना ही नहीं उनका झूठा मृत्यु सर्टिफिकेट बनवाकर मकान भी बेच दिया।
बनारस के रहने वाले कुछ लोग मेहनत करके ढूंढते-ढूंढते उन्हें शिमला मकान तक ले गए।
परमार्थ सेवा ट्रस्ट के मीडिया प्रभारी डॉ बी के शर्मा हनुमान ने कहा कि आज वक्त की जरूरत है कि अपने बच्चों को यह फिल्म जरूर दिखानी चाहिए, जिन वृद्ध आश्रम के वृद्धजनों ने यह फिल्म देखी थी, क्योंकि यह उन सभी के जीवन का पास्ट था वह पूरी फिल्म में आंसू बहाते रहे।
इस अवसर पर लौकेश सिंघल, हेमंत कंसल, अजय अग्रवाल, श्याम सुंदर गुप्ता, एडवोकेट अनूप मिश्रा, शिव कुमार शर्मा, अरुण त्यागी, संजय अग्रवाल, सुनील सिसोदिया, डीके मित्तल, यूएस गर्ग, वी सिंघल, स्नेह लता सिंघल, लवकेश अग्रवाल मौजूद रहे।
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