उत्तर प्रदेश में बाबरी मस्जिद का फैसला न्यायपालिका का मुस्लिम समाज ने सिर आँखों पर रखा और सोचा कि अब आग इस तरह का कोई विवाद सामने नहीं आएगा। दरअसल ऐसा इसलिए सोचा जा रहा है थी वर्शिप प्लेस ऐट 1991 कहता है कि 1947 से पहले जो स्ट्रक्चर का जैसा रूप था वो वैसा ही माना जाएगा। यानी कोई मंदिर है तो मंदिर माना जाएगा और कोई मस्जिद है तो वह मस्जिद माना जाए, लेकिन एक के बाद एक हो रहे सर्वे तनाव पैदा तो करते ही हैं कोर्ट की भूमिका पर भी सवाल उठा रहे हैं।
मुस्लिम समाज को न्याय की उम्मीद
उत्तर प्रदेश में ही नहीं बल्कि देश भर में बाबरी मस्जिद विध्वंस के वक्त देश भर में सांप्रदायिक माहौल देखने को मिल रहा था। 6 दिसंबर के दिन यूपी की सभी सरकारे चैकसी बरती थी चप्पे पर पुलिस लगानी पड़ रही थी। लेकिन मुस्लिम पक्षकार को पूरा यकीन था न्यायपालिका न्याय करेंगा। जैसे ही फैसला सुप्रीम कोर्ट का आया मुस्लिम समुदाय ने इसे स्वीकार किया और अपनी जिद छोड़ दी पूरे देश में शांतिपूर्ण माहौल बना रहा है। अब लगने लगा कि शायद देश में कोई ऐसा मुद्दा सामने नहीं आएगा हालांकि आजकल मस्जिद निशाने पर आती जा रही है।
वे लोग कौन थे जो सर्वे टीम के साथ जय श्री राम की नारे लगा रहे थे
संभल में जो हुआ किसी से छिपा नहीं 19 नवंबर को याचिका डालती है तुरंत सुनवाई होती है और तत्काल आदेश हो जाते हैं सर्वे करने टीम पहुंचती है आराम से सर्वे करती है ओर चली जाती है लोग भी सहयोग करते हैं। मगर 24 तारीख को अचानक एक बार फिर सर्वे करने वाली टीम जाती है टीम के साथ जय श्रीराम के नारे लगाने वाले लोग होते हैं इसके बाद अफवाह फैलती चली जाती है। पांच नौजवानों की इस पूरी हिंसा में मौत हुई है पुलिस कहती है गोली नहीं चलाई मगर वीडियो बताती है गोली कैसे चलाई जा रही है। खैर संभल का मामला अभी शांत नहीं हुआ कि अगला आदेश राजस्थान के अजमेर में बनी मुईनुददीन चित्शी की दरगाह पर भी मंदिर होने का दावा किया जाता है। अब यहाँ भी सर्वे कराया जा रहा है देश भर में केवल एक तो ही मामले नहीं है बल्कि निशाने पर काफी मस्जिद आ चुकी है।
इन मस्जिदों पर है दावा
काशी की ज्ञानवापी मस्जिद, उज्जैन की बिना नीव की मस्जिद मथुरा शाही मस्जिद ईदगाह, मध्यप्रदेश में कमाल मौलाना धार मस्जिद, अजमेर का ढ़ाई दिन का झोपड़ा, अहमदाबाद की जामा मस्जिद, तेलंगाना में देवल मस्जिद, पश्चिम बंगाल की अदीना मस्जिद पंडवा, दिल्ली की कुवत उल इस्लाम मस्जिद मध्यप्रदेश की जामा मस्जिद मांडवा के साथ साथ कई और भी मस्जिद क्या जिनका अलग अलग रूप में सर्वे करा कर एक नया विवाद उपजाने की कोशिशे हो रही है यदि मंदिर मस्जिद और खुदाई में उलझे तो बोध धर्म वाले कहते है कि ज्यादातर मंदिर उनके मंदिरों को तोड़कर बनाए गए है।
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