सिगरेट पीने में महिलाओं ने पुरुषों को पछाड़ा, नशा कर रहा परिवार बर्बाद
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सिगरेट पीने में महिलाओं ने पुरुषों को पछाड़ा, नशा कर रहा परिवार बर्बाद

Noida Tobacco free campaign: युवा पीढ़ी को नशे की लत से दूर करने के लिए तंबाकू फ़्री अभियान चलाया जा रहा है। जिसके तहत डॉक्टर अलग अलग जगह जाकर लोगों को जागरूक कर रहे हैं। बता रहे हैं कि किस तरह से नशे की लत उन्हें जीवन में पीछे ला सकती। इतना ही नहीं नशा आर्थिक रूप से भी लोगों को कैसे हानि पहुँच रहा है। इस संबंध में भी जानकारी दी जा रही है। मिनिस्ट्री ऑफ हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर की ओर से राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत तम्बाकू मुक्त युवा अभियान 2.0 चला गया। इस अभियान के तहत मुख्य चिकित्सा अधिकारी गौतमबुद्ध नगर जिला तम्बाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ की ओर से आईएमए भवन सेक्टर 31 में कार्यशाला का आयोजन किया गया।

मनोचिकित्सक डॉक्टर सुनील अवाना ने बताया

जिसमे संवाददाताओं को संबोधित करते हुए मनोचिकित्सक डॉक्टर सुनील अवाना ने बताया कि आज किस तरह से, किसी भी व्यक्ति को धीरे धीरे कर नशे की लत लग जाती है। उन्होंने कहा कि हे शुरुआत में तो लोग सोचते हैं कि सोशल ड्रिंकिंग कर रहे हैं, मगर एक वक्त ऐसा आता है कोई भी व्यक्ति इसकी अधिक मात्रा लेना शुरू कर देता है और उसे कम मात्रा लेने पर आनंद नहीं आता। उन्होंने कहा कि मनोचिकित्सक होने के नाते मेरे पास काफी लोग आते हैं। देखा गया है कि धीरे धीरे नशा करना शुरू किया तो उसकी लत लगती चली गयी। नशा किसी भी व्यक्ति को शारीरिक और आर्थिक दोनों ही तरह से नुकसान पहुंचाता है। लोग नशे की लत में पड़ने के बाद नौकरी करना भी कठिन लगने लगता है। जो कमाई होगी वो नशा करने में लग जाएंगी। इसके बाद कोई भी व्यक्ति गलत रास्ते पर चलने को मजबूर हो जाता है। चोरी, लूट आदि वारदातों को अंजाम देने लगता है। वही तंबाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ की डॉ श्वेता ने बताया कि देशभर में 20% जनसंख्या तम्बाकू का सेवन करती हैं। जिसमे 25% युवा नशा कर रहे हैं। ऐसे में आंकड़े बताते हैं कि उत्तर प्रदेश में 22% लड़के और 23% लड़कियों तम्बाकू का सेवन कर रही है। इसका मतलब ये हुआ कि अब पुरुषों को महिलाएं नशा करने में भी पछाड़ चुकी है। उन्होंने बताया कि 9 साल की उम्र से देखा गया कि बच्चे सिगरेट पी रहे 7 साल की उम्र से बीड़ी और गुटखे का सेवन कर रहे हैं। इतना ही नहीं 13% तम्बाकू का सेवन स्कूलों में किया जा रहा है जबकि 37% छात्र अपने घर पर सेवन करते हैं।

 

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