Pollution: नई दिल्ली। दिल्ली में प्रदूषण रोकथाम के लिए अपनाए जा रहे उपायों का निरीक्षण करने के लिए मुख्यमंत्री आतिशी ने रविवार ग्राउंड जीरो पर उतरी। उनके साथ पर्यावरण मंत्री गोपाल राय भी मौजूद रहे। आतिशी ने दिल्ली में प्रदूषण के हॉटस्पॉट बने आनंद विहार बस अड्डा के आसपास के क्षेत्रों का दौरा किया और यहां प्रदूषण को रोकने के लिए उठाए जा रहे कदमों का जायजा लिया।
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इस बाबत जानकारी साझा करते हुए आतिशी ने कहा कि, आनंद विहार प्रदूषण का हॉटस्पॉट बना है लेकिन यहां प्रदूषण कम करने के लिए दिल्ली सरकार सख्ती से कदम उठा रही है। इसके लिए आनंद विहार बस अड्डा और आसपास में बड़ी संख्या में एंटी स्मोग गन तैनात किए गए है, यहां आसपास की सभी सड़कों को रिपेयर किया गया है और सड़कों से अतिक्रमण भी हटाया गया है ताकि ट्रैफिक न लगे। उन्होंने कहा कि, प्रदूषण रोकथाम के लिए सरकार 99 टीमों के ज़रिये डस्ट कंट्रोल ड्राइव चला रही है। ये टीमें पूरी दिल्ली में अलग-अलग जगह निर्माण साइटों पर जाकर निरीक्षण कर रहे है। साथ ही शहर में 325 एंटी स्मोग गन लगाने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। दिल्ली में सभी एजेंसीज चाहे पीडब्ल्यूडी हो या एमसीडी युद्धस्तर पर प्रदूषण रोकने के लिए काम कर रही है। आतिशी ने कहा कि, आनंद विहार एक ऐसा इलाका है, जो दिल्ली-उप्र के बॉर्डर पर स्थित है और यहां दिल्ली के बाहर से बड़ी संख्या में बसें आती है। उन्होंने कहा कि, “आनंद विहार दिल्ली में एक ऐसा हॉटस्पॉट है जहां दिल्ली में सबसे ज़्यादा एक्यूआई होता है। इसलिए आज दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय जी के साथ मैं यहाँ निरीक्षण करने और ये देखने आई हूँ कि यहाँ प्रदूषण की रोकथाम के लिए क्या कदम उठाए जा रहे है।”
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वहीं, दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि सुबह-सुबह हमने मुख्यमंत्री आतिशी के साथ निरीक्षण किया है। यहां खास तौर पर दो समय में एक्यूआई बढ़ता हुआ देखा जा रहा है। पहला रात में और दूसरा सुबह के समय में। इसका मुख्य कारण यह है कि यहां पर दो डिपो हैं, जिनमें पहला आनंद विहार का डिपो है और दूसरा इसके ठीक सामने कौशांबी, उप्र का डिपो है। दिल्ली के अंदर अब सीएनजी और इलेक्ट्रिक बसें चलती हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश से बड़े पैमाने पर आनंद विहार और कौशांबी डिपो में डीजल की बसें आ रही हैं। इससे उनके धुएं का असर दिख रहा है। प्रदूषण के स्तर में भी उतार-चढ़ाव दिखने का समय वही है जब बड़े पैमाने पर बसें यहां पहुंचती हैं और यहां से जाती हैं।
गोपाल राय ने आगे कहा कि इसके अलावा, प्रदूषण का मुख्य कारण पास में चल रहा आरआरटीएस का काम है, जिससे धूल प्रदूषण हो रहा है। इसका तीसरा कारण यह भी है कि आनंद विहार डिपो से निकलने वाली बसें ठीक मॉनिटरिंग स्टेशन के सामने से गुजरती हैं। अभी हमने डिपो मैनेजर को यह आदेश दिया है कि बसों के रूट को वहां से डायवर्ट किया जाए। चौथा मुख्य कारण कंजेशन है, बाहरी सड़कों पर गाड़ियों का फ्लो बहुत ज्यादा है। इन चारों समस्याओं को लेकर यहां मशीनें लगाई गई हैं। रूट डायवर्ट करने का निर्देश दिया गया है। साथ ही, ट्रैफिक पुलिस को भी कंजेशन के लिए अपनी टीमें बढ़ाने के लिए कहा गया है।
उन्होंने कहा कि, “मेरा उत्तर प्रदेश सरकार से भी निवेदन है कि जिस तरह हम दिल्ली में कदम उठा रहे हैं, अगर इसी तरह कौशांबी में भी कदम उठाए जाएंगे तो इसका सकारात्मक असर दिखेगा।”