Jewar Airport: ग्रेटर नोएडा। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर रनवे पर लगाए गए उपकरणों की चार दिन तक चली जांच को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) के किंग एयर 360 ईआर विमान की मदद से तीन दिन तक जांच की गई। रनवे के ऊपर से कई बार उड़ान भरकर इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (आईएलएस) और प्रिसिजन अप्रोच पाथ इंडिकेटर (पीएपीआई) का सफल कैलिब्रेशन किया गया। अब 15 नवंबर से रनवे पर विमान उतारकर ट्रायल को शुरू किया जाएगा। इसके साथ ही कैलिब्रेशन की रिपोर्ट एएआई को सौंपकर लाइसेंस के आवेदन की प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी।
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नोएडा इंटरनेश एयरपोर्ट के रनवे पर लैंडिंग और टेक अ के ट्रायल से पहले उपकरणों की जांच संपन्न कर लिया गया। इसमें कोहरे विमान की ऊंचाई और दृश्यता की जानक देने वाले कैट आई आदि का भी परीक्षण लिया गया है। एयरपोर्ट पर लगाए इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (आईएलएस परीक्षण के लिए एयरक्राफ्ट बीच किंग 360 ईआर को 10 अक्तूबर से लगा चार दिन तक रनवे के ऊपर से उड़ाया ग दरअसल, 15 नवंबर से 15 दिसंबर विमानों के लैंडिंग और टेक ऑफ का ट्रान रनवे से किया जाना है।
17 अप्रैल से शुरू होना है एयरपोर्ट का संचालन
बता दें कि जेवर में तैयार हो रहे इस एयरपोर्ट का संचालन 17 अप्रैल से शुरू किया जाना है, जिससे 70 दिन पहले सभी प्रकार के अप्रूवल लेने के बाद उन्हें विज्ञापन के रूप में जारी करना होगा। इसके आधार पर ही 17 अप्रैल से कमर्शियल संचालन शुरू करने के लिए इंटरनेशनल और डोमेस्टिक फ्लाइट का शेड्यूल मिल सकेगा। साथ ही बता दें कि यदि कोई एक भी सर्टिफिकेट मिलने में कोई कसर रह जाती है और 17 अप्रैल की तारीख पर कमर्शियल संचालन नहीं शुरू हो पाता तो इसके बाद पूरे 6 महीने का वक्त दोबारा से सारे अप्रूवल लेने में लग जाएगा, इसीलिए सभी उपकरणों की जांच के लिए टेस्टिंग फ्लाइट को बहुत गंभीरता के साथ लिया जा रहा है। ताकि डेटा इकट्ठा करने में कोई कोर कसर न रहे और एयरपोर्ट का कमर्शल संचालन समय पर शुरू हो जाए।
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30 नवंबर तक ट्रायल होने पर ही अप्रैल में उड़ान
बता दें कि नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का अप्रैल से कमर्शियल संचालन शुरू किए जाने की डेडलाइन रखी गई है, लेकिन यह तभी संभव जब ट्रायल की डेडलाइन यानी 30 नवंबर से फाइनल ट्रायल शुरू हो जाता है। वहीं, फाइनल ट्रायल शुरू होने के सभी प्रकार के उपकरणों का डेटा और टेस्टिंग जारी रहेगी। इसी साल 21 अप्रैल को पहली बार रनवे पर विमान को उड़ाया गया। इसके बाद भी एटीसी टावर के उपकरणों की जांच के लिए विमान उड़ाकर टेस्टिंग की गई। ट्रायल से संबंधित सभी उपकरणों का सेट किया जाना है। इसी के चलते एयरपोर्ट पर उपकरणों की जांच के लिए कैलिब्रेशन फ्लाइट की टेस्टिंग चल रही है।
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