टाटा को “रतन” की तरह निखारा, जानें पूरा इतिहास, कब और कैसे शुरू हुआ टाटा का सफर
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टाटा को “रतन” की तरह निखारा, जानें पूरा इतिहास, कब और कैसे शुरू हुआ टाटा का सफर

भारतीय उद्योग क्षेत्र की महान हस्ती रतन टाटा ने 86 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह गए। वह अपने पीछे एक बड़ी विरासत छोड़ गए हैं। टाटा परिवार का देश के विकास में बड़ा योगदान है और रतन टाटा ने भी अपने फैसलों से अपने परिवार की इस महान विरासत को कायम रखा। टाटा परिवार के विभिन्न लोगों ने अपने दूरदर्शी नेतृत्व से टाटा समूह को इस देश का सबसे प्रमुख और ताकतवर व्यापारिक घराना बनाया। तो आइए जानते हैं जमशेदजी टाटा से लेकर रतन टाटा तक उनके परिवार के अन्य प्रमुख सदस्यों के बारे में जानने के लिए पूरी स्टोरी पढते रहिए।
शुरूआत होती है नुसरवानजी टाटा से जो कि एक पारसी पुजारी थे और उन्होंने ही व्यापार जगत में कदम रख कर टाटा समूह की नींव तैयार की थी। नुसेरवानजी टाटा की शादी जीवनबाई कावासजी टाटा से हुई थी। दंपति के पांच बच्चे थे, जिनमें जमशेदजी टाटा, रतनबाई टाटा, मानेकबाई टाटा, वीरबैजी टाटा का नाम शामिल है।
नुसरवानजी टाटा के बेटे जमशेदजी टाटा ही टाटा समूह के संस्थापक हैं। उन्हें भारतीय उद्योग का पिता भी माना जाता है, क्योंकि उन्होंने ही भारत में उद्योगों को स्थापित करने की शुरुआत की थी। टाटा समूह के टाटा स्टील, टाटा होटल्स और हाइड्रोपावर व्यापार की शुरुआत की थी। जमशेदजी टाटा की शादी हीराबाई दाबू से हुई और दोनों के तीन बच्चे हुए। जिनमें सर दोराबजी टाटा, धुनबाई टाटा और सर रतनजी टाटा शामिल थे।

दोराबजी टाटा
जमशेदजी टाटा के बड़े बेटे दोराबजी टाटा ने जमशेदजी टाटा के निधन के बाद टाटा ग्रु्रप की कमान संभाली। टाटा स्टील और टाटा पॉवर को स्थापित करने में दोराबजी टाटा ने अहम भूमिका निभाई।

रतनजी टाटा 
जमशेदजी टाटा के छोटे बेटे रतनजी टाटा ने टाटा समूह के विस्तार में अहम रोल निभाया और टाटा के कॉटन और टेक्सटाइल बिजनेस को बढ़ाने में इनकी भूमिका खास रही।

जेआरडी टाटा
रतनजी टाटा और फ्रांसीसी महिला सुजैन की संतान जेआरडी टाटा 50 साल से ज्यादा समय तक टाटा समूह के चेयरमैन रहे। टाटा एयरलाइंस की स्थापना जेआरडी टाटा ने ही की थी, जिसका बाद में सरकार ने एक्वायर कर लिया और उसे एयर इंडिया नाम दिया गया। टाटा समूह को विभिन्न क्षेत्रों में विस्तार में जेआरडी टाटा की अहम भूमिका रही।

नवल टाटा
रतनजी टाटा ने नवल टाटा को गोद लिया था। नवल टाटा ने भी टाटा समूह में लंबे समय तक अपनी सेवाएं दी। नवल टाटा ने दो शादियां की थी। पहली शादी सूनी टाटा से और दूसरी शादी सिमोन टाटा से।

रतन टाटा
नवल टाटा और सूनी टाटा की दो संतानें हुईं, जिनमें रतन टाटा और जिम्मी टाटा। रतन टाटा ने 1991 से लेकर 2012 तक टाटा ग्रंुप की कमान संभाली। साल 2016 में रतन टाटा एक बार फिर टाटा समूह के अंतरिम चेयरमैन बने और 2017 तक इस पद पर रहे। रतन टाटा के नेतृत्व में टाटा समूह ने सफलता की नईं ऊंचाइयों को छुआ। रतन टाटा के नेतृत्व में टाटा समूह ने ओटोमोबाइल और रक्षा क्षेत्र में प्रवेश किया।

नोएल टाटा 
नवल टाटा की दूसरी पत्नी सिमोन से नोएल टाटा का जन्म हुआ। नोएल टाटा, रतन टाटा के चचेरे भाई हैं। अब देखना होगी की टाटा ग्रुंप पर किसका वर्चस्व रहता है। आज नम आखों से रतन टाटा को मुंबई में आखिरी दर्शन के लिए रखा गया है।

 

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