20 से ज्यादा संगठनों ने आरक्षण वर्गीकरण का जताया विरोध, जिला मुख्यालय में दिया ज्ञापन
ghaziabad news आरक्षण में वर्गीकरण के फैसले के विरोध में बहुजन समाज पार्टी के भारत बंद का जिले में मिलजुला असर दिखाई दिया। मामले को लेकर 20 से ज्यादा संगठनों ने जिला मुख्यालय पहुंचकर प्रदर्शन किया और जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा। वहीं, बाजार रोजाना की तरह खुले रहे। मंडी और ट्रांसपोर्ट में भी कोई असर देखने को नहीं मिला। एससीएसटी आरक्षण बचाने की मांग को लेकर बसपा ने भारत बंद की घोषणा की थी। तय कार्यक्रम के अनुसार बुधवार सुबह 11 बजे आरडीसी स्थित बसपा कार्यालय से जिलाध्यक्ष दयाराम सैन की अगुवाई में कार्यकर्ता कलेक्ट्रेट की तरफ पैदल मार्च करते हुए निकले। केंद्र सरकार के खिलाफ के नारेबाजी करते हुए कार्यकर्ता सड़क पर निकले तो यातायात बाधित हो गया।
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इस मौके पर वीरेंद्र सिंह, रवि जाटव, पंकज शर्मा, गंगा शरण, बबलू, बाबूलाल सेन, प्रमोद सागर, मुनव्वर चौधरी और ओमवीर समेत सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद रहे।
समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष फैजल हुसैन और समाजवादी अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष राजबीर सिंह गौतम के नेतृत्व में जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन करते हुए राष्ट्रपति के नाम प्रेषित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा गया।
उच्चतम न्यायालय का यह फैसला असंवैधानिक
पदाधिकारियों ने कहा कि उच्चतम न्यायालय का यह फैसला असंवैधानिक है। सभी ने फैसले को रद्द करने और केंद्र सरकार से कानून बनाने की मांग की। दिनभर चले इस प्रदर्शन में 20 से ज्यादा सामाजिक और राजनीतिक संगठनों से अलग-अलग ज्ञापन सौंपे गए। इनमें प्रमुख रूप से आजाद समाज पार्टी कांशीराम, भारतीय मूलनिवासी संगठन, डॉ. बीआर आंबेडकर जन्मोत्सव समिति, युवा शक्ति दल और समाजवादी बाबा साहब आंबेडकर वाहिनी आदि शामिल रहे।
संगठनों ने अलग-अलग स्थानों से निकाला पैदल मार्च
आरक्षण में वर्गीकरण के फैसले के विरोध में कई संगठनों ने अलग-अलग स्थानों से पैदल मार्च किया। आजाद समाज पार्टी कांशीराम के कार्यकर्ताओं ने कालका गढ़ी चौक से वाहन मार्च शुरू किया और बस अड्डा होते हुए जिला मुख्यालय पहुंचे। कार्यकर्ता डासना से पैदल मार्च करते हुए जिला मुख्यालय पहुंचे। वहीं, खोड़ा से शुरू हुआ मार्च भी इंदिरापुरम होते हुए जिला मुख्यालय पहुंचा। इन सभी मार्च के कारण शहर की सड़कों पर जगह-जगह जाम लगा रहा।
बाजार और सब्जी मंडियां खुली रहीं
भारत बंद का शहर में खास असर नहीं दिखा। सभी बाजार और सब्जी मंडियां खुली रहीं। कुछ बाजारों में इक्का-दुक्का दुकानें बंद थीं। बाजार के साथ स्कूल, विभिन्न संस्थान और कार्यालय भी खुले रहे। बंद के तहत मार्च निकाले जाने के अलावा कोई और गतिविधि नहीं दिखी। जनजीवन सामान्य रहा। कहीं से भी किसी दुकान या संस्थान को बंद कराने की सूचना नहीं मिली।
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