हरियाणा में घोषणाएं लगाएगी भाजपा की नैया पार, लाभार्थी मॉडल के भरोसे चुनाव में दम भर रही बीजेपी
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हरियाणा में घोषणाएं लगाएगी भाजपा की नैया पार, लाभार्थी मॉडल के भरोसे चुनाव में दम भर रही बीजेपी

नायब सिंह सैनी सरकार ने हाल ही में 5 महत्वपूर्ण घोषणाएं की है। पहली घोषणा किसानों की फसल न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदने की है। दूसरा अग्निवीर प्रतिभागियों को राज्य सेवा की नौकरियों में विशेष प्रावधान, तीसरा फैसला कर्मचारी हित का है, जहां एक लाख से अधिक कच्ची नौकरी वाले कर्मचारियों को पक्की नौकरी दी गई है। चौथी घोषणा उज्जवला योजना के 46 लाख से अधिक लाभार्थी परिवारों को ₹500 में मुफ्त सिलेंडर देने की है। पांचवी महत्वपूर्ण घोषणा ओबीसी के लिए क्रीमीलेयर की सीमा को ₹6 लाख की वार्षिक आय से बढ़ाकर ₹8 लाख करना है। इन पांच प्रमुख घोषणाओं के साथ ही सरकार ने टीजीटी का सात साल से रूके रिजल्ट को भी जारी करने का काम किया है। चुनावी नैया पार करने में जुटी भाजपा ने नायब सरकार की इन घोषणाओं से इस समर में महत्वपूर्ण बढ़त हासिल कर ली है। प्रदेश के हर घर तक भाजपा ने लाभ पहुंचाने की कोशिश की है।
राजनीतिक पंडितों का कहना है कि हरियाणा राज्य में चुनावी वर्ष में ऐसी घोषणाएं जो चुनाव के पहले ही जनता को सीधा लाभ पहुंचा रही है, भाजपा के लिए संजीवनी का काम करती दिख रही है।

ओबीसी क्रीमी लेयर की सीमा बढ़ाई गई
हरियाणा सरकार ने अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए क्रीमीलेयर की सीमा को ₹8 लाख वार्षिक करने और पंचायती राज संस्थाओं और नगर पालिकाओं में ओबीसी-बी श्रेणी के लिए 5 प्रतिशत कोटा पेश किया। यह आरक्षण ओबीसी-बी श्रेणी के लिए 5 प्रतिशत आरक्षण ओबीसी-ए श्रेणी के लिए पहले से लागू 8 प्रतिशत  कोटे के अतिरिक्त होगा। गौरतलब है कि हरियाणा में ओबीसी की आबादी राज्य की आबादी का लगभग 40 प्रतिशत है और इसमें 78 जातियां शामिल हैं। लोकसभा और विधानसभा चुनावों से पहले इस विशाल वोट बैंक पर नज़र रखते हुए, ओबीसी नेता नायब सैनी को अपना मुख्यमंत्री नियुक्त किया था। वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार के मंत्रिमंडल में भी राज्य के तीन मंत्रियों में से दो – राज्य मंत्री राव इंद्रजीत और कृष्ण पाल गुर्जर – भी पिछड़े वर्ग से हैं। ऐसे में यह साफ है कि भाजपा ने ओबीसी को नेतृत्व, सम्मान और आरक्षण देने का काम किया है।

आधी आबादी का पूरा साथ
भारतीय जनता पार्टी जानती है कि आधी आबादी महिलाएं भाजपा का पूरा साथ देती है। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ में लाड़ली बहना योजना और महतारी वंदन योजना ने जो कमाल दिखाया है, उसी तर्ज पर हरियाणा में महिलाओं के लिए भाजपा ने 13 बड़ी घोषणाएं की है। अब प्रदेश के ₹1.80 लाख तक की आय वाले 46 लाख परिवारों को ₹500 में एलपीजी सिलेंडर दिया जाएगा। साथ ही, इस वित्त वर्ष में महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों को ₹490 करोड़ का लोन दिया जाएगा। बेटियों की शिक्षा पूरी करने में भाजपा सरकार कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है। उच्चतर शिक्षा के लिए 5,105 बेटियों को ₹20 करोड़ 28 लाख की मदद की गई है। स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को बस अड्डा परिसर में दुकान का आवंटन किया जा रहा है, ताकि आधी आबादी  देशी उत्पादों का व्यापार कर सकें। प्रदेश की 581 गरीब विधवाओं को 9 करोड़ 38 लाख ब्याज रहित ऋण दिया जा रहा है। 487 महिला उद्यमियों को 8 करोड़ 70 लाख का ऋण 7 प्रतिशत ब्याज पर मिलेगा। ताकि अब सशक्त महिला से समृद्ध हरियाणा बन सके। गरीब बेटी की शादी नायब भैया की जिम्मेदारी। विवाह शगुन की राशि प्रदेश में ₹41 हजार से बढ़कर ₹71 हजार कर दी गई है।

अन्नदाता सुखी भवः मंत्र पर काम कर रही सरकार
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने अन्नदाता किसानों को प्राथमिकता दी है। महाभारत के रण की साक्षी भूमि कुरुक्षेत्र से भाजपा ने किसानों के लिए सभी फसलों को एमएसपी पर खरीदने की घोषणा की है। राज्य में अब 14 के बजाय 24 फसलों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सरकार खरीदेगी। इसके अलावा ₹133 करोड़ 55 लाख 48 हजार पिछले समय के माफ किए गए हैं। इसके साथ ही किसान हित में स्टार ट्यूबवेल मोटर बनाने वाली सभी कंपनियों को अब हरियाणा के पैनल पर रखने जा रही है जानकार बताते हैं कि भाजपा ‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि’ के तहत पहले से ही किसानों के खाते में सीधे छह हजार सरकार डाल रही है। एमएसपी पर फसल का दाना-दाना खरीदना इस महत्वपूर्ण वर्ग को भाजपा की तरफ ले आएगा। हरियाणा सारी फसल एमएसपी पर खरीदने वाला देश का प्रथम राज्य बन गया है। इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने नहरी पानी के सिंचाई शुल्क की बकाया राशि माफ करने की भी घोषणा की।

अग्निवीर को लेकर विपक्ष का एजेंडा ध्वस्त

सेना में अग्निवीर की भर्ती को लेकर विपक्षी पार्टी कांग्रेस लगातार भाजपा सरकार को घेर रही थी। सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगा रही थी कि वह युवाओं की देश सेवा के साथ-साथ स्थाई नौकरी की आस को खत्म कर रहे हैं, लेकिन हरियाणा सरकार ने अग्निवीरों को पुलिस भर्ती और माइनिंग गार्ड, फॉरेस्ट गार्ड, जेल वार्डेन और एसपीओ के पदों पर सीधी भर्ती में 10 प्रतिशत  हॉरिजॉन्टल आरक्षण देकर कांग्रेस के एजेंडे को ध्वस्त कर दिया है। इसके अलावा अग्निवीरों को समूह-बी और सी में सरकारी पदों के लिए निर्धारित अधिकतम आयु में 3 वर्ष की छूट प्रदान की है। समूह-सी में सिविल पदों पर सिधी भर्ती में अग्निवीरों के लिए 5 प्रतिशत  हॉरिजॉन्टल आरक्षण और समूह बी में 1 प्रतिशत  हॉरिजॉन्टल आरक्षण दिया है। राज्य में अगर अग्निवीरों किसी औद्योगिक इकाई द्वारा ₹30 हजार से अधिक वेतन दिया जाता है तो राज्य की भाजपा सरकार उद्योगों को ₹60 हजार की वार्षिक सब्सिडी देगी। स्वयं का उद्योग लगाने वाले अग्निवीरों को सरकार ₹5 लाख तक का ब्याज रहित ऋण देगी। यानी कांग्रेस को घोषणाओं के माध्यम से भाजपा ने चारों खाने चित्त कर दिया है।

खुशहाल नौजवान बनाने का दावा कर रही भाजपा

हरियाणा की भाजपा सरकार दावा कर रही है कि वह खुशहाल नौजवान बनाने संकल्पित है। जबकि कांग्रेस का दावा है कि हरियाणा राज्य में सबसे ज्यादा बेरोजगारी खट्टर और नायब सिंह सैनी की सरकार में देखी गई है। गौरतलब है कि जब से राज्य में भाजपा सरकार आई है। प्रतियोगी परीक्षाओं में पारदर्शिता आई है। साथ ही कुछ समय पूर्व कोर्ट में फंसी सभी भर्तियों का विधिपूर्ण निदान करने का जो काम सरकार ने किया है। नायब सरकार ने 7471 टीजीटी की भर्ती का रास्ता भी साफ किया है। राज्य में अब तक 1 लाख 40 हजार युवाओं को मेरिट पर नौकरी दी जा चुकी है। भाजपा इसे 1 लाख 40 हजार लाभार्थी परिवारों के विश्वास की नौकरी के रूप में देख रही है। एक लाख से अधिक कच्चे कर्मचारियों को भी भाजपा पक्का करने जा रही है। मतलब आउटसोर्स और संविदा में सालों से प्रदेश मे सेवा देने वाले कच्चे कर्मचारी अब स्थाई कर्मचारी हो जाएंगे। इस घोषणा ने वर्षों से भेदभाव का शिकार हो रहे कर्मचारियों को बड़ी राहत देने का काम किया है।

कांग्रेस पकड़ रही सिर माथा

आज किसानों को एमएसपी, महिलाओं को सस्ता सिलेंडर, युवाओं को रोजगार के माध्यम से लोकसभा चुनाव की आचार संहिता हटने के बाद घोषणाओं का अंबार लग गया है। इससे एक तरफ बड़े और छोटे हुड्डा (भूपेंद्र और दीपेंद्र हुड्डा) बनाम कुमारी शैलजा की लड़ाई में फंसी कांग्रेस सिर माथा पकड़ कर बैठ गई है। भाजपा संगठन ने जहां एक तरफ पंडित मोहन लाल बड़ौली को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बनाकर ब्राह्मणों को सांगठनिक भूमिका में बांधा है। वहीं कांग्रेस आज भी न खाता न बही, जो हुड्डा कहे वही सही के फेर में पड़कर जातीय और क्षेत्रीय संतुलन नहीं बना पा रही है। एक तरफ भाजपा का संगठन और सरकार का सामंजस्य इस चुनाव में मशीनरी बन गया है। वहीं कांग्रेस गुटबाजी के दलदल में फंस गई है।

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