बायोडायवर्सिटी फॉरेस्ट से हवा में होगा सुधार
नगरायुक्त के प्रसास से 15 करोड़ की लागत से बनेगा बायोडायवर्सिटी फॉरेस्ट, शासन से मिली स्वीकृति, कहा
ghaziabad news बायोडायवर्सिटी फॉरेस्ट को लेकर पिछले कई वर्षों से स्वीकृति के लिए चल रहे प्रयास में नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक को इस बार सफलता मिल गई है गाजियाबाद के शहर वासियों की सुविधा को देखते हुए बायोडायवर्सिटी फॉरेस्ट को शासन ने स्वीकृति दे दी है, लगभग 15 करोड़ की लागत से महामाया स्टेडियम के पीछे लगभग 60 एकड़ में बायोडायवर्सिटी फॉरेस्ट बनाया जाएगा। यह लगभग 38 सुविधाओं से युक्त होगा।
बायोडायवर्सिटी फॉरेस्ट के लिए नगर निगम की तरफ से आधुनिक जंगल बनाने की रूपरेखा बनाई जा रही है, जिसमें पूरे पार्क को आधुनिक प्रक्रिया से व्यवस्थित किया जाएगा, नाले के पानी का ट्रीटमेंट होकर पौधों के उपयोगी बनाया जाएगा, बायोडायवर्सिटी फॉरेस्ट मे रिसर्च सेंटर का भी किया गया प्रबंधन रहेगा।
नगर आयुक्त ने बताया कि शहर वासियों को नगर निगम एक आधुनिक पार्क बायोडायवर्सिटी फॉरेस्ट जल्द देने जा रहा है, जिसको पूर्ण रूप से टेक्निकल पर आधारित बनाया जाएगा, जिसके लिए शासन ने स्वीकृतिें दे दी है जिसकी तैयारी रफ्तार से की जाएगी, शहर को एक आॅक्सीजन प्लांट के रूप में बायोडायवर्सिटी फॉरेस्ट सफल रहेगा। विशाल बायोडायवर्सिटी फॉरेस्ट में लगभग 400 से 450 प्रजातियां पौधों की लगाई जाएंगी, जिसमें जलीय पौधे कैक्टस क्लैमर आदि कई तरह के पेड़ औषधियां एवं जड़ी बूटियां बांस आर्किड एवं साइकस की प्रजातियां भी लगाई जाएंगी, फॉरेस्ट में अन्य आधुनिक व्यवस्थाओं के साथ साथ वहां होने वाला कूड़ा कचरा को ग्रीनमाउंट में तब्दील किया जाएगा तथा रिसर्च सेंटर का भी प्रबंध किया गया है।
जैव विविधता के बारे में प्राप्त कर सकेंगे जानकारी
उन्होंने कहा कि बायोडायवर्सिटी फॉरेस्ट में लोग जैव विविधता के बारे में जानकारी भी प्राप्त कर सकेंगे’ पौधों की सिंचाई के लिए सीवेज वाटर को साइट पर ही साफ किया जाएगा।
क्या कहते हैं उद्यान प्रभारी
उद्यान प्रभारी डॉ अनुज कुमार ने बताया कि शहर को तकनीकी युक्त पार्क देने की तैयारी के लिए आदेश प्राप्त हुए हैं। जिस योजना के तहत जल्दी ही बायोडायवर्सिटी फॉरेस्ट बनाने के लिए कार्यक्रम किया जाएगा। टेक्निकल टीम का भी चयन वृहद स्तर पर किया जायेगा ताकि शहर वासियों को एक बेहतर बायोडायवर्सिटी फॉरेस्ट उपयोग के लिए दिया जा सके और आने वाली पीढ़ी भी उस पार्क से उद्यान तथा पर्यावरण संबंधित बातों को समझ सके।