Public Court: मेरठ: उत्तर प्रदेश में मेरठ की एक अदालत ने तिहरे हत्याकांड के 16 साल पुराने एक मामले में एक महिला समेत सभी दस आरोपियों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इस मामले में वादी पक्ष की ओर से मांग की गई थी कि हत्यारोपियों ने जिस तरह तीनों युवकों के साथ जानवरों जैसा सुलूक करते हुए उनके गले छुरे से काटे और दिल दहला देने वाली यातनाएं देकर मौत के घाट उतार दिया, ऐसे दोषियों को फांसी की सजा सुनाई जाये।
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दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सोमवार तीसरे पहर अपर जिला जज एवं स्पेशल कोर्ट एंटी करप्शन-2 पवन कुमार शुक्ला ने इजलाल कुरैशी, अफजाल, महराज, कल्लू उर्फ कलुआ, इजहार, मुन्नू ड्राइवर उर्फ देवेंद्र आहूजा, वसीम, रिजवान और बदरुद्दीन समेत शीबा सिरोही पर लगाए गए आरोपों को सही मानते हुए दोषी करार दिया। फैसले में स्पष्ट किया गया है कि भारतीय दंड संहिता के अनुसार उम्रकैद में तमाम दोषियों को शेष बचे जीवनकाल के लिए जेल में ही रहना होगा। साथ ही सभी पर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।
ज्ञातव्य है कि गत 23 मई 2008 को बागपत और मेरठ जिले की सीमा पर स्थित बालैनी नदी के किनारे तीन युवकों के शव पड़े मिले थे। शवों की शिनाख्त मेरठ निवासी सुनील ढाका (27), पुनीत गिरि (22) निवासी परीक्षितगढ़ रोड और सुधीर उज्ज्वल (23) निवासी बागपत के रूप में की गई थी। इस मामले में पुलिस ने अपनी जांच रिपोर्ट में स्पष्ट किया था कि गत 22 मई की रात तीनों युवकों की नृशंस हत्या मेरठ के कोतवाली इलाके के गुदड़ी बाजार में हाजी इजलाल कुरैशी ने अपने भाइयों और साथियों के साथ मिलकर की। पुलिस ने इस मामले में 14 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था। इस हत्याकांड का मुख्य आरोपी इजलाल कुरैशी पैरोल पर रिहा कर दिया गया था।