सीएजी रिपोर्ट में खुलासाः प्राधिकरण बार बार एक ही व्यक्ति की कंपनियों को करता रहा आवंटन, इनके किस्से सुनेंगे तो हो जाएंगे हैरान!!

नोएडा प्राधिकरण में एक से बढ़कर एक घोटाले हुए हैं। जो अब धीरे धीरे उजागर हो रहे। अलग अलग विभागों की जांच चल रही है। जिसमे आवंटन प्रक्रियाओं में खामियों को उजागर किया जा रहा है और बताया जा रहा है कि मनमानी से प्राधिकरण को आर्थिक रूप से कितना नुकसान हुआ है। एक ऐसा ही मामला अब सामने आया है। दरअसल सीएजी ऑडिट में एक बिल्डर को लेकर सवाल उठाए गए।
नोएडा प्राधिकरण से 2005-2017 के बीच कुछ चुनिंदा कंपनियों को कई बार ग्रुप हाउसिंग व कमर्शल प्लॉट आवंटित किए गए। सीएजी ने अपने ऑडिट में इस आवंटन पर सवाल उठाते हुए आपत्ति लगाई थी। अब सीएजी आपत्तियों पर सुनवाई कर रही लोक लेखा समिति (पीएसी) ने नोएडा प्राधिकरण से जवाब मांगा है। प्राधिकरण अगली सुनवाई में जवाब देगा। मिली जानकारी के मुताबिक अगली सुनवाई सितंबर में प्रस्तावित है।

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नोएडा प्राधिकरण के कामकाज को ए ने लेकर सीएजी ने ऑडिट किया है। इस ऑडिट में हजारों करोड़ रुपये घाटे की लाॅ की आपत्तियां लगाई गई थी। विधानसभा ग्रुप में सीएजी की जांच रिपोर्ट रखे जाने के 29 दिन बाद लोक लेखा समिति सुनवाई कर रही है। पिछले सप्ताह लोक लेखा समिति ने लखनऊ में इस मामले में सुनवाई की थी। खासतौर से ग्रुप हाउसिंग व व्यावसायिक विभाग के कामकाज पर लगी आपत्तियों को लेकर सुनवाई की। ग्रुप हाउसिंग के विभाग के कामकाज पर 529 और व्यावसायिक पर 18 आपत्तियां लगी हुई हैं। प्राधिकरण सूत्रों के मुताबिक कुछ कंपनियों को ही बार-बार भूखंड आवंटन करनेे पर आपत्तियां लगाई गई हैं। पर्याप्त नियमों को पूरा नहीं करने के बावजूद कंपनियों को भूखंड आवंटित किए गए। कंपनी पर पर्याप्त शेयर होल्डर नहीं होने के बावजूद कंपनियों को प्लॉट दिए गए। ऑडिट में यह भी आपत्ति थी कि इन कंपनियों की आर्थिक स्थिति भी उतनी मजबूत नहीं थी। सूत्र बता रहे है कि ये कंपनी 3सी है। जिसने नोएडा की अच्छी अच्छी लोकेशन पर विभिन्न प्रोजेक्ट बनाए है। खैर ये तो कंपनी के मालिक ही बता सकते है कि बार बार उनकी कंपनी को ही क्यो आवंटन हो रहे थे।

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