Delhi News: सरकार ने 10 वर्षों में ग्रामीण अर्थव्यवस्था के हर पहलू पर खासा जोर दिया है: मुर्मु

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Delhi News: नयी दिल्ली: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा है कि पिछले 10 वर्षों में सरकार ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था के हर पहलू पर बहुत जोर दिया है और गांवों में कृषि आधारित उद्योगों, डेयरी और मत्स्य आधारित उद्योगों का विस्तार किया जा रहा है ताकि किसानों की स्थिति में सुधार हो सके। उन्होंने इसमें भी सहकारिता को प्राथमिकता दी गयी है तथा सरकार ने सहकारिता क्षेत्र में दुनिया की सबसे बड़ी भंडारण योजना पर काम शुरू किया है ।

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श्रीमती मुर्मु ने अठारहवीं लोकसभा के गठन के दोनों सदनों के संयुक्त अधिवेशन में गुरुवार को अपने अभिभाषण में कहा कि सरकार, किसान उत्पाद संघ और प्राथमिक कृषि ऋण समितियां (पैक्स) जैसे सहकारी संगठनों का एक बड़ा नेटवर्क बना रही है । उन्होंने कहा कि छोटे किसानों की बड़ी समस्या भंडारण से जुड़ी होती है ।

उन्होंने कहा कि किसान अपने छोटे खर्चे पूरे कर सकें, इसके लिये पीएम किसान सम्मान निधि के तहत उन्हें तीन लाख 20 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा राशि दी जा चुकी है । सरकार के नये कार्यकाल के शुरुआती दिनों में ही 20 हजार करोड़ रुपये से अधिक की राशि किसानों के खातों में भेजी जा चुकी है । उन्होंने कहा कि सरकार ने खरीफ फसलों के लिये न्यूनतम समर्थन मूल्य में भी रिकॉर्ड वृद्धि की है । आज का भारत, अपनी वर्तमान जरूरतों को ध्यान में रखते हुये अपनी कृषि व्यवस्था में बदलाव कर रहा है ।

उन्होंने कहा कि हम ज्यादा से ज्यादा आत्मनिर्भर हों और ज्यादा से ज्यादा निर्यात से किसानों की आमदनी बढ़े, इस सोच के साथ नीतियां बनायी गयी हैं, निर्णय लिये गये हैं। जैसे सरकार दलहन और तिलहन में दूसरे देशों पर निर्भरता कम करने के लिये देश के किसानों को हर संभव मदद दे रही है ।

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राष्ट्रपति ने कहा कि वैश्विक बाजार में किस तरह के खाद्य उत्पाद की डिमांड ज्यादा है,उसके आधार पर नयी रणनीति बनायी जा रही है । आजकल ऑर्गेनिक उत्पादों को लेकर दुनिया में मांग तेज़ी से बढ़ रही है । भारत के किसानों के पास इस डिमांड को पूरा करने की भरपूर क्षमता है । इसलिये सरकार प्राकृतिक खेती और इससे जुड़े उत्पादों की आपूर्ति कड़ी को सशक्त कर रही है । ऐसे प्रयासों से किसानों का खेती पर होने वाला खर्च भी कम होगा और उनकी आय भी और बढ़ेगी । उन्होंने यह भी कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में 10 वर्षों में बुनियादी ढांचे के विकास पर भी तेजी से काम हुआ है और तीन लाख 80 हजार ग्रामीण सड़कों का विकास किया गया है।

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