Noida Police: गौतमबुद्ध नगर में कानून व्यवस्था को बेहतर करने के लिए कमिश्नरी व्यवस्था लागू की गई। ताकि यहाँ अपराधों पर अंकुश लगाया जा सके। अपराधों पर अंकुश कैसे लगेगा? जब हर एक डीसीपी और एडिशनल डीसीपी व्यवस्था को कमिश्नर के ऊपर डाल देगा। ज्यादातर मामलों में देखने को मिलाता है कि जिस किसी भी गंभीर मामले में या फिर धोखाधड़ी के मामले में पीड़ित डीसीपी के पास जाते हैं तो उन्हें संतोषजनक कार्रवाई नहीं बल्कि जवाब मिलता है। कहा जाता है कि आप कमिश्नर मैम के पास जाइए। वहाँ से आप का शिकायत पत्र हमारे पास आएगा तब इसमें जांच कर आगे की कार्रवाई की जाएगी। ऐसे में केवल यही सवाल है कि जब इतने आईपीएस अफसर हैं तो उनका क्या फायदा?
यह भी पढ़े : पानी की टंकी में मिला महिला का शव, पति पर हत्या करने का शक, तलाश में जुटी पुलिस
जिले में आईपीएस अफसरों के साथ साथ पीपीएस और दर्जनों इंस्पेक्टर हैं, मगर पूरी व्यवस्था कमिश्नर के कंधों पर ही हर एक अफसर डालने में जुट जाता है। कुणाल शर्मा के अपहरण के बाद हत्या में भी पुलिस को बार बार चेताया गया कि अपहरण हुआ है। पीड़ित शिकायत लेकर भटकता रहा लेकिन पुलिस अफ़सर शक करते रहे। नतीजा सबके सामने है। एसएचओ बीटा टू लाइन हाजिर कर दिए गए। एसीपी से स्पष्टीकरण मांगा है। बताया जा रहा है जितने भी जिम्मेदार अफसर हैं उन पर गाज गिर सकती है।