School Bus: स्कूलों की बसें हादसे का शिकार होना अब आम बात बनता जा रहा है। नोएडा में घूम रही खटारा बसों के मालिकों परिवहन विभाग नकेल कसने की तैयारी कर रहा है। नोएडा में परिवहन विभाग की आंखें भी खुल गई हैं। बताया जा रहा है कि यहां बिना परमिट के 125 स्कूली बसें फर्राटे भर रही हैं। 275 मियाद पूरी कर चुकी हैं। बस संचालकों पर कार्रवाई होगी।
सड़कों पर दौड़ रहीं करीब 150 खटारा स्कूली बसों में बच्चों की जान जोखिम में डालकर सफर कर रहे हैं। वहीं, 125 बसें जहां बिना पररमिट के फर्राटा भर रही हैं। वहीं 275 अपनी मियाद पूरी कर चुकी हैं। इन वाहनों से किसी भी वक्त हादसा हो सकता है। आए दिन हो रहे हादसों के बावजूद प्रशासन बस संचालकों के पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। हालांकि विभाग की ओर से इन बसों को काली सूची में डाल दिया गया है। बावजूद इसके खटारा बसों का संचालन जारी है।
परिवहन विभाग की ओर से दावे किए गए कि शीतकालीन अवकाश के बाद इन बसों के संचालन पर रोक लगा दी जाएगी। मगर उसके बाद भी इनको चलाया जा रहा है। बृहस्पतिवार को हरियाणा में हुए स्कूल बस हादसे में बच्चों की मौत की खबर के बाद जिले में अभिभावकों में खासा डर है। उनका कहना है कि परिवहन विभाग को ऐसे स्कूली वाहन पर तत्काल रोक लगाने की जरूरत है। बीते वर्ष स्कूल बसों से हुए हादसों के बाद परिवहन विभाग ने 1619 स्कूली वाहनों की जांच की थी, जिसमें से 142 अनफिट पाई गईं। बस संचालकों को नए सत्र तक वाहनों की फिटनेस कराने के निर्देश दिए गए थे।
एआरटीओ डाॅ सियाराम वर्मा ने कहा कि बच्चों की जान से कोई समझौता न हो, इसे सुनिश्चित करते हुए इसमें प्रवर्तन की पांच टीमें लगाई जाएंगी। इन बसों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाएगा। फिर भी अगर इनके संचालक इन वाहनों का संचालन करते हैं तो उनपर कड़ा एक्शन लिया जाएगा। इसके अलावा बिना परमिट के जो भी बसें संचालित किए जा रहे हैं, उन्हें भी किसी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।
एआरटीओ ने कहा कि 275 स्कूली वाहनों की मियाद पूरी हो चुकी है। इनमें 221 बसें और 54 कैब हैं। इन्हें कबाड़ करने के लिए नोटिस भेजा गया था लेकिन फिर भी इन बसों का संचालन किया जा रहा है। विभाग की ओर से इन बसों का संचालन निरस्त कर दिया गया है। इसके बाद इनके संचालक कहीं संचालन करते पाए गए तो उनपर कार्रवाई होगी।
सुरक्षा मानकों पर रखे ध्यान
स्कूल बस की बॉडी पूरी तरह से स्टील से बनी होनी चाहिए और पूरी तरह से बंद होनी चाहिए।
बस का दरवाजा ठीक से बंद होना चाहिए।
प्रेशर हॉर्न या टोनल साउंड सिस्टम प्रतिबंधित हैं।
स्कूल बसों के लिए निर्दिष्ट मानक
बस में बैठने की क्षमता के आधार पर अग्निशमन यंत्र होना चाहिए।
स्कूल बस में प्राथमिक चिकित्सा बॉक्स मौजूद होना चाहिए।
स्कूल बस की अधिकतम गति सीमा 40 किमीध् प्रतिघंटा है और इसमें गति नियंत्रण उपकरण होना चाहिए।
वाहन किसी शैक्षणिक संस्थान के नाम से पंजीकृत होना चाहिए।
बस के आगे और पीछे मोटे अक्षरों में ‘स्कूल बस’ लिखा होना चाहिए।
बस पर स्कूल का नाम और फोन नंबर लिखा होना चाहिए।
स्कूल बस में बच्चों की सूची होनी चाहिए, जिसमें नाम, पता, ब्लड ग्रुप और रूट चार्ट शामिल हो।
स्कूल बस में बच्चों की सुरक्षा के लिए ड्राइवर के अलावा एक सहायक भी होना चाहिए।
स्कूल बस चालक और सहायक को ड्यूटी समय के दौरान निर्दिष्ट वर्दी में रहना चाहिए।