Noida। एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ़ पब्लिक पॉलिसी द्वारा ‘पब्लिक पॉलिसी’ पर अंर्तराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। सार्वजनिक नीति में बदलते प्रतिमान – तकनीकी व्यवधान, पर्यावरणीय विस्थापन और मानव प्रतिभा पर आयोजित इस सम्मेलन का शुभारंभ गेल लिमिटेड के चीफ विजिलेस ऑफ़सर संदीप सरकार, डीसीपी ट्रैफिक अनिल कुमार यादव, एमिटी विश्वविद्यालय की वाइस चांसलर डा बलविंदर शुक्ला, सेंटर फॉर कल्चर मिडिया गर्वनेंस की मानद निदेशक प्रो तरजीत सभरवाल, सेंटर फॉर पब्लिक पॉलिसी एंड गर्वनेंस की प्रमुख डा रूमकी बासु और एमिटी इंस्टीटयूट आॅफ पब्लिक पॉलिसी के कार्यकारी निदेशक प्रो योगेन्द्र सिंह द्वारा किया गया।
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संदीप सरकार ने कहा कि वर्तमान समय एक बहुत ही दिलचस्प समय है जिसमें संस्कृति, प्रशासन, तकनीक, अर्थव्यवस्था सभी का विकास हो रहा है। देश विश्व की तृतीय सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। इन्फ्रास्ट्रक्चर और विकास पर ध्यान केन्द्रीत होकर कैपिटल निवेश बढ़ रहा है। डीसीपी ट्रैफिक नोएडा अनिल कुमार यादव ने छात्रों से कहा कि पब्लिक पॉलिसी के क्षेत्र में तकनीकी के उपयोग से समाज के हित हेतु नई नीतियों का निमार्ण आवश्यक है। नई नीतियों के निर्माण के दौरान समाज की आवश्यकता के साथ पर्यावरण के सरंक्षण का ध्यान अवश्यक रखे।
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श्री यादव ने कहा कि जनसांख्यिकीय विभाजन को भी पब्लिक पॉलिसी में समायोजित करें तभी हम 5 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था और विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल कर पायेगें। इस प्रकार के सम्मेलन आप जैसे भविष्य के निती निमार्ताओं के लिए बेहद महत्वपूर्ण है जो नई प्रौद्योगिकियों की मदद से नई चुनौतियों का निवारण करने में सहायक होगी।
कार्यक्रम के अंर्तगत आयोजित तकनीकी सत्र में ‘क्या प्रौद्योगिकी इंसानों पर भारी पड़ेगी’ और ‘वैसे यह किसका ग्रह है’ विषय पर परिचर्चा की गई। जिसमें पीडब्लूसी इंडिया के पाटर्नर संतोष मिश्रा, ईएक्सएल इडिया के लीगल हेड सत्यजीत गुप्ता, जामिया विश्वविद्यालय के प्रो बुलबुल धर, एस पी जैन इंस्टीटयूट मैनजमेंट एंड रिसर्च की एसोसिएट प्रोफेसर चंद्रीका परमार आदि ने अपने विचार रखे।