Paytm case: नई दिल्ली। इन दिनों पेटीएम पेमेंट बैंक का मुद्दा हर किसी के लिए चर्चा का विषय बना हुआ है। इसी कड़ी में एक इंटरव्यू में इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री चंद्रशेखर ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक से जुड़े मुद्दे पर अपनी बात रखी। चंद्रशेखर ने इस बात पर जोर दिया कि नियामकीय अनुपालन कंपनियों के लिए ‘वैकल्पिक’ नहीं हो सकता, बल्कि यह एक ऐसा पहलू है जिसपर प्रत्येक उद्यमी को पूरा ध्यान देना चाहिए।
Paytm case:
चंद्रशेखर ने एक इंटर’पेटीएम पेमेंट्स बैंक का मुद्दा एक ऐसा मामला है जहां एक आक्रामक उद्यमी नियामकीय अनुपालन की जरूरत को महसूस करने में विफल रहा है, और कोई भी कंपनी अनुपालन से बच नहीं सकती है।’ पेटीएम पेमेंट्स बैंक संकट के बीच मंत्री ने कहा कि कोई भी कंपनी, चाहे वह भारत की हो या विदेश की, बड़ी हो या छोटी, उसे देश के कानून का पालन करना होगा। भारतीय रिजर्व बैंक ने पीपीबीएल को 15 मार्च से नई जमा स्वीकार करने से रोक दिया है, और कंपनी के खिलाफ अपनी कार्रवाई की किसी भी समीक्षा से इनकार कर दिया है।
चंद्रशेखर ने कहा कि यह धारणा कि पीपीबीएल पर आरबीआई की कार्रवाई ने फिनटेक क्षेत्र को परेशान कर दिया है, इसका सही चित्रण नहीं है। राजनीतिज्ञों, उद्यमियों और प्रौद्योगिकी दिग्गज इस बात से सहमत नहीं है कि पेटीएम बैंक मुद्दे ने पूरे फिनटेक उद्योग के लिए चिंता बढ़ा दी है।
- पेटीएम क्यूआर कोड करता रहेगा काम
आरबीआई ने शुक्रवार को जारी एफएक्यू (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न) की सूची में स्पष्ट किया कि दूसरे बैंक से लिंक्ड पेटीएम क्यूआर कोड, पेटीएम साउंडबॉक्स या पेटीएम पीओएस टर्मिनल 15 मार्च के बाद भी काम करना जारी रखेंगे।
फिनटेक फर्म वन97 कम्युनिकेशंस (पेटीएम के मालिक) ने इस बीच कहा कि उसने अपना नोडल खाता पेटीएम पेमेंट्स बैंक से एक्सिस बैंक में ट्रांसफर कर दिया है।
इस कदम के साथ 15 मार्च की समय सीमा के बाद पेटीएम क्यूआर, साउंडबॉक्स, कार्ड मशीन की निरंतरता की अनुमति देगा।
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