आम जनमानस को आर्द्र भूमि के संरक्षण एवं संवर्धन के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष 2 फरवरी को विश्व आर्द्र भूमि दिवस मनाया जाता है। उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में विश्व वेटलैंड दिवस पर बर्ड फेस्टिवल का आयोजन किया जाता है, जिसके क्रम में इस वर्ष भी 27 जनवरी से 2 फरवरी तक नेचर एवं बर्ड फेस्टिवल- 2024 मनाया जा रहा है।
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ऐसे होगी वेटलैंड विकसित करने की प्लानिंग
यूपी शासन के निर्देश पर एवं डीएम मनीष कुमार वर्मा के नेतृत्व में सूरजपुर ग्रेटर नोएडा में स्थित वेटलैंड में नेचर एवं बर्ड फेस्टिवल- 2024 का भव्य आयोजन किया गया। इसका शुभांरभ राज्य मंत्री पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग केपी मलिक ने फीता काटकर शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर दादरी विधानसभा क्षेत्र के विधायक तेजपाल नागर, एमएलसी श्रीचंद शर्मा, प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं विभागाध्यक्ष, सुधीर कुमार शर्मा, प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्य जीव, अंजनी आचार्य, जॉइंट पुलिस कमिश्नर बबलू कुमार, मुख्य विकास अधिकारी जनार्दन सिंह, एनके जानू, गंगा प्रसाद, प्रमोद कुमार श्रीवास्तव, और औद्योगिक संगठन के प्रतिनिधिगण तथा स्कूली छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।
नेचर एवं बर्ड फेस्टिवल- 2024 के आयोजन अवसर पर स्कूली छात्र-छात्राओं द्वारा स्वागत गीत तथा विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। मंत्री केपी मलिक ने कार्यक्रम में लगाई गई प्रदर्शनी एवं चित्रकारी प्रदर्शनियों का बहुत ही गहनता के साथ अवलोकन किया। इस अवसर पर फोटोग्राफी, रंगोली, प्रदर्शनी, फोटो गैलरी, पेंटिंग समेत आदि प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया, जिसके विजेताओं को मंत्री केपी मलिक ने प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।
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इस अवसर पर मंत्री केपी मलिक ने कहा कि आम जनमानस को आर्द्र भूमि के संरक्षण एवं संवर्धन के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष 2 फरवरी को विश्व आर्द्र भूमि दिवस मनाया जाता है। यूपी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में विश्व वेटलैंड दिवस पर बर्ड फेस्टिवल का आयोजन किया जाता है, जिसके क्रम में इस वर्ष भी 27 जनवरी से 2 फरवरी तक नेचर एवं बर्ड फेस्टिवल- 2024 मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हम भाग्यशाली हैं कि ऐसी जगह पर हमे रहने का मौका मिला, जहां हर मौसम का हम लुफ्त उठा सकते है, जैसे बरसात हो, गर्मी हो, सर्दी हो और उसके गवाह बने। हजारों मील से आए हुए पक्षी जो अपनी गर्मी और बहुत ज्यादा सर्दी से दूर होकर हमारे इस अच्छे मौसम का लाभ लेने के लिए हमारे यहां इस क्षेत्र में और हिंदुस्तान में पहुंचे। वैसे तो प्रकृति में बहुत कुछ बदलाव आया। इस भौतिक युग और कंप्यूटर जमाने ने हमें दिया तो बहुत कुछ पर खोया भी हमने बहुत कुछ है।
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उन्होंने बताया कि पहले बरसात का आभास भी पक्षियों के द्वारा हो जाया करता था कि अब बरसात होने वाली है,यानी हर सुख -दुःख, हर वक्त में पक्षी हमारे मददगार रहे और उन्ही पक्षियों का हमने एक तरह से अलग-अलग रूप में दुरुपयोग करना शुरू कर दिया, उनसे अपेक्षा शुरू कर दी और उसका परिणाम आज यह आया की जो किसानों के हितेषी पक्षी हुआ करते थे वह भी गायब होने लगे। हम सबको मिलकर प्रयास करना है कि पक्षियों का संरक्षण करें एवं अपनी प्रकृति को बचाये रखने के लिए विभिन्न प्रयास करें। उन्होंने कहा कि मैं आप सबका धन्यवाद करना चाहूंगा, आभार व्यक्त करना चाहूंगा कि आपने उस खोई हुई परंपराओं को दोबारा जागरूक करने के लिए, हम सबको सचेत करने के लिए बहुत अच्छे कार्यक्रम का आयोजन किया। उन्होंने कहा कि विगत वर्ष प्रदेश सरकार के अथक प्रयासों से हमने 35 करोड़ पौधे लगाकर एक नया रिकॉर्ड कायम किया। उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि हम सब मिलकर सूरजपुर वेटलैंड को पिकनिंक पांइट बनाने का काम करेंगे।