Income Tax: क्या आपको पता है बिल्डर किस तरह से करते हैं टैक्स की चोरी
नोएडा में बिल्डरों पर लगातार इनकम टैक्स डिपार्मेंट (Income Tax )शिकंजा कस रहा है। पिछले 5 दिनों से लगातार कई बिल्डरों के यहां डिपार्टमेंट की ओर से सर्वे हो रहा है। अब तक के सर्वे में सामने आया है कि करीब 700 करोड रुपए की टैक्स चोरी की गई है। इससे संबंधित दस्तावेज आयकर विभाग को मिल चुके हैं। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर बिल्डर टैक्स चोरी कैसे करते हैं? यह आगे बताएंगे लेकिन अब तक की जांच में सामने आया है कि 500 करोड रुपए की संपत्ति नगद में बेची गई है। अब आयकर विभाग इन संपत्तियों को खरीदने वालों की जांच पड़ताल कर रहा है। आयकर विभाग के मुताबिक भूटानी ग्रुप के अलावा लाजिक्स, एडवांट, द ग्रैंडस्लैम, ग्रुप 108, बुलमैन रियल्टी के कॉर्पोरेट दफ्तरों के साथ-साथ प्रोजेक्ट की साइट पर छापेमारी की गई है। बिल्डरों के दफ्तरों से दस्तावेज भी कुछ कब्जे में लिए हैं। इसके अलावा कंप्यूटर की हार्ड डिस्क व अन्य साक्ष्य भी भी कब्जे में लिए गए हैं। 5 दिनों से जारी जांच में करीब 6 करोड रुपए कैश, महंगी वस्तुएं आदि आयकर विभाग को मिल चुकी है। इन सभी को जब्त करने के बाद आयकर विभाग ने कंपनियों से जवाब तलब किया है।
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किसी को घर नहीं जाने दिया
जब से आयकर विभाग ने सर्वे शुरू किया है तब से सभी बिल्डरों के दफ्तरों पर मौजूद लोगों को घर जाने नहीं दिया गया है। अधिकारी भी मौके पर ही मौजूद है। अफसर 2 से 3 घंटे ही नींद लेकर वापस जांच में जुट जाते हैं। गोपनीयता बनाए रखने के लिए सभी तरह से संपर्क बंद रखे गए है। सर्वे में जुटे कर्मचारियों के लिए होटल से खाना मंगा कर दिया जा रहा है। बिल्डरों के खिलाफ अब तक किए सबसे बड़ी कार्यवाही मानी जा रही है।
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बताते हैं कि बिल्डर टैक्स चोरी कैसे करते हैं
बिल्डर बिल्डर टैक्स चोरी करने में काफी माहिर होते हैं। वह कोई भी प्रॉपर्टी का जब सेल परचेस करते हैं तो उसे सर्किल रेट पर ही दिखाया जाता है। जबकि ज्यादातर बिल्डर खरीददारों से कैश में भी भारी भरकम रकम लेते हैं। इस रकम का कोई रिकॉर्ड नहीं होता इसलिए इस पर टैक्स नहीं लगता। इसी तरह से घुमा फिरा के बिल्डर टैक्स चोरी कर लेते हैं। इतना ही नही माल भी कैश में खरीदते है।