बाबा साहब ने शिक्षा, संगठन और संघर्ष करने के लिए किया प्रेरित: राम दुलार यादव

Ghaziabad news : भारत रत्न, संविधान निर्माता बाबा साहेब ड़ॉ. अंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस पर सत्योदय बुद्ध विहार स्थित ड़ा.अंबेडकर पार्क परिसर लाजपत नगर साहिबाबाद में बुधवार को संविधान निर्माता के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित कर नमन किया गया और उनके बताएं मार्ग पर चलने का संकल्प लिया।
शिक्षाविद राम दुलार यादव ने कहा कि ड़ॉ भीम राव अंबेदकर महान विद्वान, विधि विशेषज्ञ, महान अर्थशास्त्री, समाज सुधारक, बेजोड़ राजनीतिज्ञ, सामाजिक परिवर्तन के अग्रदूत, भारत रत्न, श्रमिकों, किसानों, महिलाओं, शोषितों, वंचितों, पिछड़ों के अधिकारों के लिए लगातार देश, समाज को जागृत करने वाले, संविधान निर्माता, भारत के प्रथम कानून मंत्री रहे, उन्होने लोगों को शिक्षा, संगठन और संघर्ष करने के लिए प्रेरित किया, उनका कहना था कि शिक्षा वह शेरनी का दूध है, जो पियेगा, वही दहाड़ेगा । अपने मौलिक अधिकारों को प्राप्त करने, गौरवपूर्ण जीवन जीने के लिए संघर्ष करो, यह तभी संभव होगा जब आप अपने अधिकारों और कर्तव्यों को समझते हुए संगठित रहेंगे।
उन्होने कहा है कि मै ऐसे धर्म को मानता हूँ जो स्वतन्त्रता, समानता और भाईचारा सिखाएं क्योकि हिन्दू धर्म में विवेक, कारण और स्वतंत्र विचार के विकास के लिए कोई गुंजाइश नहीं है।
26 जनवरी 1950 में जब भारत का संविधान लागू हुआ तो उन्होने कहा कि हमे राजनीतिक आजादी तो मिली लेकिन सामाजिक और आर्थिक असमानता की स्थिति गंभीर है, जब तक सामाजिक और आर्थिक असमानता रहेगी, राजनीतिक गणतन्त्र मजबूत नहीं होगा, लेकिन आजादी के 75 साल बाद भी सामाजिक गैरबराबरी और आर्थिक रूप से लोगों को आत्म निर्भर नहीं कर पाये, आक्स फेम 2023 की रिपोर्ट के अनुसार 1 प्रतिशत अमीर 40 प्रतिशत लोगों से ज्यादा संपत्ति के मालिक है, 2020 में अरब पतियों की तादात 100 थी, वहीं 2022 में यह बढ़कर 166 हो गयी, कुछ लोगों की संपत्ति में भारी वृद्धि है तो दूसरी ओर करोड़ों लोग गरीबी का दंश झेलने के लिए अभिशप्त है।
कार्यक्रम में यह रहे मौजूद
इस मौके पर ड़ॉ अशोक कुमार, डीपी मौर्य, सुरेन्द्र चन्देल, ड़ॉ पी लाल, धनपत जी, कवि ओपी गौतम, मनोज कुमार, रमेश गौतम, ब्रह्म प्रकाश, जगन चंद प्रकाश, रमेश कुमारी, मनमोहन कुमार, मयंक गौतम मौजूद रहे।

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