Delhi News: प्रदूषण की वजह से स्कूलों में 18 नवंबर तक छुट्टियां, 10वीं और 12वीं के छात्र जाएंगे स्कूल
Delhi News। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और आसपास के महानगरों के लोगों की सांसों पर जहरीली हवा का पहरा हटा नहीं है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आज (बुधवार) सुबह वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) का स्तर 460 रहा। सुबह पंजाबी बाग का एक्यूआई 460, आनंद विहार का 452 और आरकेपुरम का 433 दर्ज किया गया। सोमवार सुबह इसी समय दिल्ली का औसतन स्तर 453 था। बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि मंगलवार को प्रदूषण में मामूली सुधार के बाद स्थिति में अधिक बदलाव नहीं हुआ है। वायु प्रदूषण की गंभीर होती स्थिति को देखते हुए गौतमबद्ध नगर में नौवीं तक के स्कूल 10 नवंबर और गाजियाबाद में अगले आदेश तक के लिए बंद कर दिए गए हैं। पूवार्नुमान है कि अगले छह दिनों में दिल्ली की आबोहवा बेहद खराब से गंभीर श्रेणी में पहुंच सकती है।
कल Wednesday दिल्ली-एनसीआर में ग्रेटर नोएडा सबसे ज्यादा प्रदूषित रहा। यहां का एक्यूआई 457 दर्ज किया गया। दूसरे नंबर पर दिल्ली रहा। यहां का एक्यूआई 395 रहा। इस बीच भारत मौसम विज्ञान विभाग ने दिल्ली-एनसीआर में अगले कुछ दिनों में बारिश का अनुमान जताया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का कहना है कि अगर बरसात होती है तो वायु प्रदूषण की स्थिति में सुधार हो सकता है।
वहीं अरविंद केजरीवाल सरकार ने 9 से 18 नवंबर तक स्कूलों में विंटर ब्रेक घोषित किया है, जो सभी क्लास के लिए लागू होगा। इसका मतलब है कि इस दौरान 10वीं और 12वीं क्लास के स्कूल भी बंद रहेंगे। इस तरह दिल्ली में स्कूलों की छुट्टी घोषित कर दी गई है। दिल्ली में स्कूल अब 20 नवंबर को खुलेंगे।
दिल्ली के स्कूलों में पूर्व निर्धारित योजना के अनुसार दिसंबर के अंतिम सप्ताह से जनवरी में होने वाले विंटर ब्रेक होता है, लेकिन इस बार सीएम अरविंद केजरीवाल की सरकार ने विंटर ब्रेक पहले करने का निर्णय लिया है। फिलहाल, दिल्ली में प्रदूषण के चलते 10वीं और 12वीं को छोड़ सभी स्कूलों की क्लास आॅनलाइन चल रही है।
अब दूसरे राज्यों से आने वाली टैक्सियों पर भी लगेगी पाबंदी
नई दिल्ली। केजरीवाल सरकार राजधानी में बढ़ते प्रदूषण स्तर पर काबू पाने के लिए दिल्ली में दूसरे राज्यों से आने वाली ऐप आधारित टैक्सियों पर पाबंदी लगाने का फैसला किया है। सुप्रीम कोर्ट के निदेर्शों के बाद पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि बुधवार को हुई एक बैठक में दूसरे राज्यों से आने वाली टैक्सी पर पाबंदी लगाने को लेकर परिवहन विभाग को निर्देश जारी किया है। उन्होंने कहा कि परिवहन विभाग सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का परीक्षण करने के बाद इसे लेकर एक विस्तृत आदेश जारी करेगा।
केजरीवाल सरकार के इस फैसले के बाद दिल्ली के अंदर सिर्फ दिल्ली में पंजीकृत (डीएल नंबर) टैक्सी ही चल पाएगी। एनसीआर के शहरों गाजियाबाद, नोएडा, गुरूग्राम, फरीदाबाद या मेरठ से आने वाले टैक्सी पर प्रवेश नहीं मिलेगा। परिवहन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक इस पाबंदी से दूसरे शहरों से दिल्ली आने वाली करीब तीन लाख टैक्सियों पर असर पड़ेगा। इसका असर सबसे ज्यादा उन यात्रियों पर पड़ेगा जो कि मोबाइल ऐप के जरिए टैक्सी बुक करके एनसीआर शहरों के बीच यात्रा करते है।
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13-20 नवंबर के बीच लागू होगी पाबंदी
परिवहन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक दिल्ली में दूसरे राज्यों से आने वाली टैक्सी पर पाबंदी 13 नवंबर को सम-विषम के साथ ही लागू होगा। यह पाबंदी 20 नवंबर तक लागू होगा। असल में आगामी शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में प्रदूषण के मुद्दे पर दोबारा सुनवाई है। कोर्ट के रूख के बाद ही इस आदेश को लागू किया जाएगा। बताते चले दिल्ली में करीब एक लाख टैक्सी पंजीकृत है। इसके अलावा 94 हजार से अधिक आॅटो जबकि 1.14 अन्य यात्री वाहन पंजीकृत है, जो दूसरे राज्यों की टैक्सी पर पाबंदी के बाद यात्रियों के यात्रा को सुगम बनाएगा।
डीजल चालित टैक्सी पर पाबंदी की तैयारी
दिल्ली सरकार डीजल चालित टैक्सी पर पाबंदी लगाने पर विचार कर रहा है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर्यावरण विभाग को ऐसी टैक्सियों की सूची तैयार करने को कहा है। चूंकि दिल्ली में बीएस-3 व बीएस-4 डीजल चालित वाहन पहले से बंद है। उसके बाद बीएस-6 कितने बचते है उसे देखते हुए फैसला लिया जाएगा। गोपाल राय ने कहा कि परिवहन विभाग से डीजल चालित टैक्सी की पूरी जानकारी मांगी गई है। उसके बाद ही उसपर कोई फैसला लिया जाएगा।
दिल्ली पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के प्रदूषण पर चिंता बताते हुए कई निर्देश दिए है। उसमें एक दिल्ली में बाहर से आने वाली टैक्सियों पर पाबंदी लगाना भी शामिल है। उसे लेकर परिवहन विभाग को निर्देश दिया है कि वह इस पूरे मामले को देखे और आदेश जारी करें। पाबंदी सिर्फ डीजल टैक्सी पर होगा कि सीएनजी चालित टैक्सियों पर होगा। इस सवाल को लेकर गोपाल राय ने कहा कि इसका एक विस्तृत आदेश जारी किया जाएगा।