Noida Authority: लंबे समय से इंतजार कर रहे उन लोगों के लिए खुशखबरी है जो प्राधिकरण की पैनल्टी या फिर कोर्ट केस में फंसे है। प्राधिकरण की बोर्ड बैठक भवन मालिकों को एकमुश्त समाधान योजना (ओटीएस) का अपनाने को हरी झंडी दे दी है। इसका आवंटी शर्तों के अंतर्गत लाभ ले सकेंगे। बोर्ड में लिए गए फैसले के अनुसार ऐसे कई भवन आवंटियों ने ओटीएस लाने की मांग की थी, जो पहले के ओटीएस का लाभ नहीं ले पाए। इस बार प्राधिकरण ने कुछ शर्तों के साथ ओटीएस का लाभ देने का फैसला किया है। ओटीएस के तहत ऐसे आवंटी जिनके भवनों का लीज डीड नहीं कराने की वजह से आवंटन निरस्त हो गया, उनको सबसे पहले अपना आवंटन रीस्टोर कराना होगा। इसमें रिस्टोरेशन का शुल्क सेक्टर दर का 10 प्रतिशत प्रति वर्गमीटर है। यदि आवंटी इस शर्त को मानते हुए आगे बढ़ेंगे तो उनको बकाया राशि का भुगतान करते हुए 30 दिन के भीतर लीज डीड करानी होगी।
इतना ही नही ऐसे आवंटी जिन्होंने आवंटन रद यानी कैंसल होन के बाद कोर्ट की राह ले ली। उनको इस योजना का लाभ उठाने के लिए प्राधिकरण को एक शपथ पत्र देना होगा, जिसमें कोर्ट से केस वापस लेने की बात पर सहमति होगी। यदि वह ऐसा नहीं करते हैं तो वह प्राधिकरण उपरोक्त शर्त का अनुपालन नहीं किया जाता है तो उनको ओटीएस का लाभ नहीं मिल पाएगा। इससे उनको ये फायदा होगा कि कोर्ट के चक्कर काटने नही पड़ेगे।
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केवल 3 महीने तक रहेगी योजना
ओटीएस योजना की अवधि 3 महीने तक की होगी। यह वित्तीय वर्ष 2016-17 तक या उससे पूर्व की योजनाओं में से केवल उन प्रकरणों पर लागू होगी जो वर्तमान में किसी भी मद के डिफाल्टर है। सरकारी संस्थाओं को आवंटित परिसंपत्तियों पर भी ओटीएस योजना लागू होगी, जिसके अंतर्गत केंद्र सरकार, प्रदेश सरकार व सरकारी उपक्रमों को आवंटित परिसम्पत्तियां भी सम्मिलित होंगी। भविष्य की देयता पर यह योजना लागू नहीं होगी।