Israel-Hamas War: अमेरिका भी कूद सकता है जंग में, भेज रहा दूसरा युद्धपोत
Israel-Hamas War: इजराइल-हमास की जंग लगतार विकराल रुप लेती जा रही है। हिज्बुल्ला के शामिल होने के ऐलान के बाद से अमेरिका भी दशहत में आ चुका है। लेबनान का यह चरमपंथी संगठन पहले ही इजरायल के खिलाफ खड़ा हो चुका है। इजरायली सेना पर हमले हो रहे हैं। दोनों ओर से रुक-रुककर एयर अटैक हवा में मार हो रहे हैं। इस बीच अमेरिका ने इजरायली सेना की सहायता के लिए दूसरा महाविनाशक युद्धपोत भेजा है। इससे जाहिर है कि अब अमेरिका भी जंग में शामिल हो सकता है। पेंटागन के अनुसार, हिज्बुल्ला या ईरान को हमास से हाथ मिलाने से रोकने को लेकर अमेरिका ने दूसरा युद्धपोत भेजने का फैसला किया है। आइजनहावर स्ट्राइक ग्रुप को अमेरिकी यूरोपीय कमान क्षेत्र में पहले से तय अभ्यास में भाग लेना था। इस बीच पेंटागन ने इसकी टाइमिंग में चैंज किया है। इसे मिडिल ईस्ट की ओर भेजा गया है। यहां पर इसकी तैनाती गेराल्ड फोर्ड स्ट्राइक ग्रुप के साथ भूमध्यसागर में होनी है। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन लगातार इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से चर्चा कर रहे हैं। दोनों नेताओं में अबतक करीब पांच बार बात हो चुकी है। नेतन्याहू हर पल की जानकारी बाइडेन को उपलब्ध करा रहे हैं।
बता दें कि हिज्बुल्ला ने बीते दिनों दावा किया गया है कि उसके लड़ाकों ने विवादित क्षेत्र में पांच इजराइली आउटपोस्ट पर हमले किए हैं। इजराइल और लेबनान के बीच शेबा फार्म्स का इलाका विवादित माना जाता है। इस पर इजराइल दावा करता रहा है।
पहले भी हिज्बुल्ला ने इजराइली सेना को अपना निशाना बनाया है। यह ईरान समर्थित एक मिलिशिया समूंह है। इसने खुलेआम हमास के समर्थन का ऐलान किया। ईरान ने भी इजराइल को हमले बंद करने की चेतावनी दी है। अरब देशों में भी फिलिस्तीन के मामले को लेकर बातचीत जारी है।
अमेरिका भेज रहा युद्धपोत, ये करेगा विनाश
अमेरिका ने जंग शुरू होने के कुछ समय बाद ही गेराल्ड नाम के युद्धपोत को भूमध्यसागर के उत्तर तटीय इलाके में भेजा है। यहूदी देश की सुरक्षा को लेकर पेंटागन ने यूएसएस आइजनहावर कैरियर स्ट्राइक ग्रुप को भी रवाना किया है। अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन के अनुसार, उन्होंने स्ट्राइक ग्रुप को आदेश दिया है कि वे भूमध्यसागर में उत्तर में अपना स्टैंड ले। इससे युद्ध को बढ़ने से रोका जा सके। आइजनहावर के गेराल्ड के जुड़ने की वजह से इजराइली सेना की ताकत और बढ़ेगी। इसके साथ हमास को कड़ी चुनौती मिलेगी।