लखनऊ में इंदिरानगर के ओम त्लाजा में खोल रखा था फर्जी कॉल सेंटर। 700 से अधिक बेरोजगारों को नौकरी दिलाने के नाम पर ठगे गए 2 करोड़ रूपए। कुछ लोगों की शिकायत पर एसटीएफ ने सोमवार देर रात कॉल सेन्टर पर छापा मारा और संचालक समेत चार लोगो को गिरफ्तार किया। इन लोगो के गिरफ्तार होने से कई चीजे सामने निकल के आई है। आरोपितों ने बताया कि वह इंटरनेट व अन्य माध्यमो से बेरोजगारों के नम्बर पता कर के उन्हें फोन कर नौकरी दिलाने के नाम पर दो तीन बार में 50 हजार से एक लाख वसूल लेते है।
कॉल सेन्टर के लिये सरगना राजन श्रीवास्तव ने दर्जनों प्री एक्टिवेटेड सिम खरीद लिये थे। इन ही नम्बरों से बेरोजगारों से सम्पर्क के लिए लड़के भी रखे हुए थे। राजन की टीम इंटरनेट व अन्य माध्यमों से पढ़े लिखे युवकों का नम्बर पता कर के उनको जाल में फंसाते थे। एसटीएफ के साथ छापा मारने वाली टीम में इंस्पेक्टर राघवेन्द्र सिंह ,एसआईअतुल चतुर्वेदी,प्रदीप सिंह,मुख्य आरक्षी नीरज पाण्डेय,राम निवास,सुशील सिंह,राजीव कुमार,आरक्षी अमित त्रिपाठी,अमर श्रीवास्तव थे।
डिप्टी एसपी धर्मेश शाही ने कहा कि यह लोग तीन साल से कॉल सेनटर चला रहे थे। चारों एक दूसरे से नोएडा में सम्पर्क किया करते थे। धर्मेश शाही ने कहा कि राजन के कॉल सेन्टर में बीटेक व एमटेक पास युवक 15-16 हजार रूपेय की नौकरी कर रहे थे। छापे में इन युवकों के फार्म से यह जानकारी मिली। राजन ने कहा कि बीटेक पास लड़के भार ना काम करके अपने शहर में ही 15-16 हजार रूपये कि नौकर करने को तईयार हो जाते थे। डायरी से मिले कई युवकों से एसटीएफ ने मोबाइल पर बात की। ये लोग छापे के बाद डरे हुए थे। हालांकि एसटीएफ की टीम ने उन्हें आश्र्वासन दिया कि उनके खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं होगी। वह तो बस नौकरी के नाम पर काम कर रहें थे। इन लोगों को भी गिरोह के बारे में कोई जानकारी नही थी। वह बस कम्पनी संचालकों के लिए काम कर रहें थे।
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