कावड़ में माता-पिता को कंधो पर लेकर चल रहा युवक

हरिद्वार में गत 3 जुलाई से कांवड़ यात्रा शुरू हो चुकी है। इस बार करीब 5 करोड़ कांवड़ियों के हरिद्वार पहुंचने की आंशका है। कई राज्यों से लोगों कावड़ लेने के लिए हरिद्वार पहुंच रहे है। राजस्थान, एमपी , महाराष्ट्र सहित अन्य राज्यों के कांवड़िए हरिद्वार से गंगाजल लेकर अपने शहरों के मंदिरों के लिए वापस लौटना शुरू हो गए हैं। गाजियाबाद का एक युवक कांवड़ में अपने माता-पिता को लेकर चल रहा है। वहीं, मेरठ का जतिन कंधे में 161 लीटर गंगा जल लेकर आ रहा है। गोरखपुर के राजकुमार भी 790 ज्ञड की रथ कावड़ लेकर हरिद्धार से निकल चुके हैं।

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गाजियाबाद का कांवड़िया अपनी कांवड़ में मां-बाप को लेकर हरिद्वार से पैदल आ रहा है। ये भक्त गाजियाबाद में लोनी क्षेत्र के गांव असालतपुर गुर्जर का रहने वाला है। कांवड़ के एक पलड़े में बूढी मां और दूसरे पलड़े में बूढ़े पिता बैठे हैं। इस कांवड़ को देखकर हर कोई अचंभित रह जाता है।ठश्रच् नेता सुनील खारी ने इस वीडियो को सोशल मीडिया पर शेयर किया है। उन्होंने लिखा है-श्रवण कुमार की तरह मां-बाप को कंधे पर उठाकर ले जाते हुए गांव असालतपुर गुर्जर जिला गाजियाबाद के रहने वाले सनातनी भाई को मेरा सैल्यूट। गाजियाबाद में करीमपुर के विकास गहलोत भी पिछले साल कांवड़ में मां-बाप को बैठाकर इसी तरह हरिद्वार से लाए थे।मेरठ में किला परीक्षितगढ़ के जतिन गुर्जर हरिद्वार से कांवड़ में 161 किलो गंगाजल भरकर चल चुके हैं। वह मुजफ्फरनगर पहुंच चुके हैं। जतिन ने बताया कि ये मेरी चैथी कांवड़ है। इस बार ये कांवड़ अपने माता-पिता के लिए लेकर आया हूं। पिछली बार योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने पर 120 किलो की कांवड़ लाया था। मैं दिन में 7 किमी की दूरी पैदल तय करता हूं। शिवरात्रि पर अपने कस्बे के गंधार मंदिर में पहुंचकर जलाभिषेक करुंगा।

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सड़को पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
कावड़ियों के आवागमन को देखते हुए भी जिलों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गए है। ज्यादातर स्थानों पर सीसीटीवी लगाए गए है। ताकि कोई भी अप्रिय घटना होने पर उसका पता लगाया जा सके।

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