कानपुर के बिकरू कांड के बाद पुलिस ने विकास दुबे ो एंकाउटर में मार गिराया। अब पुलिस ने विकास दुबे गैंग की 72 करोड़ की संपत्ति जब्त कर ली है। जिस तरह से अतीक की जमीन को गरीबों में बांटा है वैसे ही विकास दुबे की संमत्ति को भी बांटा जाएंगा। 2 जुलाई 2020 की काली रात शायद ही कोई भूल पाएगा। गैंगस्टर विकास दुबे को अरेस्ट करने के लिए पुलिस ने छापेमारी की, तो ताबड़तोड़ गोलियों की बौछार करके डीएसपी समेत 8 पुलिस कर्मियों की नृशंस हत्या कर दी गई थी।
इसके बाद विकास अपने साथियों के साथ मौके से फरार हो गया। पुलिस ने जवाबी कार्रवाई में गैंग के एक के बाद एक, 6 शूटरों को एनकाउंटर में मार गिराया था। विकास दुबे भी पुलिस कार हादसे के बाद एनकाउंटर में मारा गया।चैबेपुर क्षेत्र के बिकरू गांव में 2 जुलाई 2020 की रात को सीओ बिल्हौर देवेंद्र मिश्रा ने सर्किल फोर्स के साथ गैंगस्टर विकास दुबे की अरेस्टिंग के लिए दबिश दी थी। छापेमारी की सूचना लीक होने के चलते गैंगस्टर ने पहले ही अपने शूटरों के साथ जाल बिछा दिया था। पुलिस के गांव में एंट्री करते ही छतों पर मौजूद विकास दुबे और शूटरों ने अंधाधुंध फायरिंग कर दी। सीओ देवेंद्र मिश्रा समेत आठ पुलिस कर्मियों की नृशंस हत्या कर दी। बाकी पुलिसकर्मियों ने भाग कर अपनी जान बचाई।
कांड की जानकारी मिलने के बाद ही डीजीपी से लेकर कानपुर में तैनात एसएसपी दिनेश कुमार और आईजी मोहित अग्रवाल एक्शन में आए। विकास दुबे के गैंग के एक के बाद एक 6 बदमाशों को एनकाउंटर में मार गिराया। 44 आरोपियों को जेल भेजा गया। जिसमें अभी भी 39 आरोपी जेल में बंद हैं। केस इतना बड़ा था कि तीन साल बाद भी पुलिस की कार्रवाई जारी है।