नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे प्राधिकरण लगातार अपने क्षेत्रों का विकास करता जा रहा है। इन तीनों प्राधिकरणों का उद्देश्य है औद्योगिक विकास यानी औद्योगिक इकाइयां अधिक से अधिक स्थापित की जाए। ताकि लोगों को रोजगार मिल सके लेकिन बसपा सरकार ने प्राधिकरण को मूल उद्देश्य से पलट दिया। औद्योगिक इकाइयों को भूखंड देने की बजाय बिल्डरों को भूखंड आवंटित किये गए। वह भी ऐसी शर्तों पर जिसमें बिल्डरों का ही फायदा-फायदा हो जाए। जिसके चलते गौतम बुद्ध नगर में आज सबसे बड़ा विवाद बिल्डर और बायर्स का ही है।
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एक बार फिर से ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण इस सबसे ऊपर उठकर मूल उद्देश्य को पूरा करने की ओर कदम बढ़ा रहा है। यही कारण है कि प्राधिकरण की मुख्य कार्यपालिका अधिकारी रितु माहेश्वरी ने नए 8 औद्योगिक सेक्टर जल्द से जल्द विकसित करने के लिए ठोस का दाम उठाने शुरू कर दिए हैं। एक के बाद एक गांव में जमीन अधिग्रहण के लिए प्रक्रिया शुरू की जाएगी। दादरी रेलवे स्टेशन तक अलग-अलग इलाकों में औद्योगिक सेक्टर विकसित किए जाने की परियोजना पर काम किया जा रहा है। 8 सेक्टर औद्योगिक इकाइयों के लिए काफी महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं। खास बात यह है कि यह सभी डेडीकेटेड फ्लाइट कॉरिडोर के आसपास होंगे और रेलवे लाइन के बेहद नजदीक रहेंगे ताकि यहां स्थापित होने वाली औद्योगिक इकाइयां अपने माल को दूर-दूर तक भेज सके।