किसानों के आंदोलन को हथियार बना रहा विपक्ष,क्या स्थानीय सांसद, विधायक और अफसर है फेल
1 min read

किसानों के आंदोलन को हथियार बना रहा विपक्ष,क्या स्थानीय सांसद, विधायक और अफसर है फेल

ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के विरुद्ध किसानों का धरना प्रदर्शन 56वें दिन भी जारी रहा। धरने में राष्ट्रीय लोक दल का प्रतिनिधिमंडल भी पहुंचा। प्रतिनिधिमंडल में राष्ट्रीय लोक दल के राष्ट्रीय महासचिव सुखबीर गठिना, हस्तिनापुर क्षेत्र के अध्यक्ष योगेंद्र सिंह चेयरमैन, विधायक दल के नेता विधायक राजपाल बालियान, खतौली से विधायक मदन भैया, छपरौली से विधायक डॉ अजय कुमार, मेरठ मंडल के अध्यक्ष इंद्रवीर भाटी, वरिष्ठ नेता अजीत दौला, आदि मौजूद रहे। इससे पहले सपा ने भी अपना प्रतिनिध मंडल भेजा था। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल है कि क्या स्थानीय सांसद, विधायक और अफसर किसानों को समझाने में फेल है? बताया जाता है कि किसानाके स अब तक वार्ता की जनप्रतिनिधियों ने सकारात्मक पहल नही की।

प्राधिकरण ने किसानों के साथ किया धोखा: मदन भैया
वही आज किसानों के बीच पहंुचे मदन भैया ने कहा, हम धरना स्थल पर पहुंचने से पहले पुलिस कमिश्नर से मिले हैं। पुलिस कमिश्नर हमें आश्वस्त किया है कि जल्द ही जेल में बंद किसानों को बिना शर्त रिहा कर दिया जाएगा और बाद में जिन लोगों पर मुकदमे हुए हैं, उनमें कोई कार्यवाही नहीं होगी। मदन भैया ने आगे कहा कि क्षेत्र के किसानों की यह पीड़ा वर्षों से लंबित है और प्राधिकरण ने यहां के किसानों के साथ धोखा किया है। हम किसानों की समस्याओं को सदन में उठाने का कार्य भी करेंगे और साथ ही साथ अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चैधरी जी को रिपोर्ट सौंपेंगे। मदन भैया ने आगे कहा कि उन्हें धरनारत किसानों के मध्य जल्द से जल्द लाने का कार्य करेंगे। राष्ट्रीय लोक दल पार्टी किसान और मजदूरों की हितैषी पार्टी है। अगर प्रदेश में कहीं भी किसानों के साथ कोई समस्या होती है तो हमारे नेता जयंत चैधरी उनके मध्य पहुंचकर उनकी समस्या का निराकरण कराने का प्रयास करते हैं। अभी वह विदेश में है, जैसे ही वह लौटेंगे। हम उन्हे किसानों के मध्य लेकर आएंगे।

 

यह भी पढ़े : नोएडा मे एक साथ लाखों लोग करेंगे योग,स्मृति ईरानी होगी मुख्य अतिथि

किसान सभा के महासचिव हरेंद्र खारी ने बताया कि पुलिस का कार्य निंदनीय है। वह लोगों में भय व्याप्त कर धरने को समाप्त करना चाहती है। पुलिस ने हमारे निर्देश किसानों को जेल में बंद किया हुआ है और लोगों को गांव-गांव जाकर मुचलके देने का कार्य कर रही है। फर्जी मुकदमे लगाए जा रहे हैं। धरना स्थल से जो हमारा सामान जब्त किया था। अभी तक हमको लौटाया नहीं गया है। पुलिस को समझना चाहिए कि हमारी लड़ाई प्राधिकरण से है, उन्हें किसानों को न्याय दिलाने के लिए कार्य करना चाहिए ना कि प्राधिकरण के पक्ष में खड़े होकर किसानों का अहित करना चाहिए।

56 दिनों से शांतिपूर्वक धरने दे रहे किसान
किसान नेता जगबीर नंबरदार का कहना है, हमारी समस्याओं का समाधान प्राधिकरण या सरकार कर सकती है। फिर भी पुलिस बेवजह किसानों को परेशान कर रही है, जो सरासर गलत है। किसान पिछले 56 दिनों से शांतिपूर्वक धरने को चला रहे हैं। उसके बावजूद परेशान किया जा रहा है। किसानों के घर वालों को भी परेशान किया जा रहा है। जबकि किसान का रवैया हमेशा से सहयोगात्मक रहा है।

यह भी पढ़े : कर्ज लेने में मोदी सरकार से बनाया इतिहास, 9 साल में लिया 100 लाख करोड़

प्रतिनिधियों को समस्याओं का निराकरण करना चाहिए
किसानों का कहना है कि वार्ता का दौर बंद करके सत्ता के प्रतिनिधियों को आगे बढ़कर किसानों की समस्याओं का निराकरण करना चाहिए। हम जल्द ही आगे के कार्यक्रम की घोषणा करने वाले हैं। हम पर तमाम राजनीतिक पार्टियों के बड़े नेताओं के आने की सूचना है और वह हम से लगातार समय मांग रहे हैं। हम कल मंगलवार में अपनी कमेटी की मीटिंग करके आगे की महापंचायत की घोषणा करेंगे। उसमें तमाम राजनीतिक दलों को तमाम सामाजिक संगठनों को और सभी किसान यूनियनों को आमंत्रित किया जाएगा।महापंचायत रोकने को प्रशासन ने पुरोला को छावनी में तब्दील कर दिया है। पुरोला तहसील क्षेत्र में धारा-144 लागू कर दी गई कहै। वहीं आज नगरपालिका क्षेत्र, बड़कोट, नौगांव में व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद हैं। उत्तरकाशी जिले की सीमाएं सील हैं, ड्रोन से नजर रखी जा रही है। उधर, व्यापारी और हिन्दू संगठनो से जुड़े लोगों को पुलिस ने नौगांव से एक किमी आगे रोक दिया है।कूच की सूचना मिलते ही उपजिलाधिकारी बड़कोट जितेंद्र कुमार पुलिस फोर्स के साथ पहुंच चुके थे। पुलिस ने सभी को रोक दिया है, जबकि व्यापारी और हिन्दू संगठनों के लोग पुरोला जाने के लिए अड़े हुए हैं। एसडीएम सभी को समझाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन लोग यहां नारेबाजी कर रहे हैं।

यहां से शेयर करें