मुशर्रफ के समर्थन के बाद सोज ने कहा पाकिस्तान को कश्मीर देने को तैयार थे पटेल
नई दिल्ली। कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सैफुद्दीन सोज ने कहा है कि सरदार वल्लभभाई पटेल व्यावहारिक आदमी थे। उन्होंने कहा, वे पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री लियाकत अली खान को कश्मीर देने के लिए तैयार थे क्योंकि वे जंग टालना चाहते थे। उन्होंने लियाकत से ये भी कहा था कि हैदराबाद के बारे में नहीं, कश्मीर के बारे में बात करो। कश्मीर ले लो, हैदराबाद नहीं। हालांकि, हकीकत इससे अलग है। सरदार पटेल ने 1947 में एक बैठक में साफ तौर पर कहा था कि कश्मीर किसी भी कीमत पर हाथ से जाना नहीं चाहिए।
सोज ने 22 जून को कहा था, ‘मुशर्रफ कहते थे कि कश्मीरियों की पहली पसंद तो आजादी है। मुशर्रफ का बयान तब भी सही था, आज भी सही है।Ó
भाजपा ने इसकी आलोचना की थी और कांग्रेस ने बयान से दूरी बना ली थी। लेकिन सोमवार को दिल्ली में अपनी किताब “कश्मीर: ग्लिम्पसेस ऑफ हिस्ट्री एंड द स्टोरी ऑफ स्ट्रगल’ के विमोचन समारोह में उन्होंने कहा- ”कश्मीर समस्या सुलझाने का एक ही रास्ता है कि सभी दल साथ आएं और बैठकर बात करें। आजादी कोई हल नहीं है। भारत के संविधान में कश्मीर को जगह मिलनी चाहिए। मुशर्रफ दोनों तरफ के कश्मीर की स्वायत्तता चाहते थे। खूनखराबा कश्मीर की समस्या को हल नहीं कर सकता। चाहे तो कश्मीरियों को मार दीजिए, लेकिन इससे समस्या सुलझ नहीं सकती।” इस विमोचन समारोह में जयराम रमेश के अलावा कोई अन्य कांग्रेस नेता नहीं पहुंचा।
शौरी ने कहा- सरकार ने नकली स्ट्राइक की :पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण शौरी ने कहा कि मोदी सरकार ने सीमा पार जाकर जो सर्जिकल स्ट्राइक की थी वो फर्जीकल (नकली) स्ट्राइक थी। सरकार के पास न तो कश्मीर और न ही पाकिस्तान-चीन के लिए कोई नीति है। सरकार खुद को कार्यक्रमों और चुनाव तक ही बनाए रखना चाहती है। दरअसल देश में में कोई सरकार ही नहीं थी। एक ही रास्ते पर घोड़ा दौड़ रहा है। ये घोड़ा ही हिंदुओं और मुसलमानों को बांट रहा है। इसके चलते ही देश खासकर कश्मीर में हत्याएं हो रही हैं। हमें कश्मीर के लोगों को कश्मीरियों की तरह नहीं बल्कि मुस्लिम मानने को बाध्य किया जा रहा है।